भरतपुर

पहल : ई-मित्रों से मिले रोगियों को राहत

– महिला और बुजुर्गों को मिल सकेगा सुकून

भरतपुरJul 09, 2021 / 02:12 pm

Meghshyam Parashar

पहल : ई-मित्रों से मिले रोगियों को राहत

भरतपुर . अस्पताल में चिकित्सकों को दिखाने के लिए लाइनों में आहत होते मरीज एवं तीमारदारों को राहत देने के लिए लुपिन संस्था ने ई-मित्रों के माध्यम से ओपीडी रजिस्ट्रेशन स्लिप बनाने का सुझाव दिया है। ऐसी व्यवस्था पड़ोसी जिले धौलपुर में चल रही है, जो काफी सफल है।
लुपिन संस्था का कहना है कि प्रतिदिन जिला अस्पताल में दिखाने वाले मरीजों और उनके परिजनों की संख्या बहुत ज्यादा होती है, जिन्हें अस्पताल में आकर सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। इसके लिए कई काफी लंबी लाइन होती है। कतार लगने की स्थिति में महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कई बार ऐसा होता है कि मरीज खड़े-खड़े चक्कर खाकर गिर जाते हैं। इस समस्या से मरीजों और उनके परिजनों को आरएमआरएस ई-मित्रों के माध्यम से काफी हद तक राहत दी जा सकती है। इस व्यवस्था से ओपीडी काउंटर, दवा की दुकान एवं लैब में लाइन के दवाब को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लुपिन का कहना है कि हम छोटी सी पहल करके लोगों को सुकून दे सकते हैं। सभी जगह ई-मित्र की व्यवस्था होने से इसमें लागत लगाने की भी जरूरत नहीं है। यदि पड़ोस में अच्छा हो रहा है तो उसे हमें अपनाना चाहिए।
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यह दिए हैं लुपिन संस्था ने सुझाव
– अस्पताल के आसपास और शहर के प्रमुख चौराहों, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन के आसपास कुछ ई-मित्रों का चयन किया जाए।
– चयनित ई-मित्रों के साथ एमओयू कर प्रशिक्षण देकर डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर और प्रिंट पेपर उपलब्ध कराए जाएं।
– अस्पताल में बनने वलाी ओपीडी रजिस्ट्रेशन स्लिप के पूरे फॉर्मेट आईएचएमएस सॉफ्टवेयर के जरिए ई-मित्रों पर इंस्टॉल किया जाए।
ई-मित्रों द्वारा मरीजों या उनके परिजनों से लिया जाने वाला ओपीडी रजिस्ट्रेशन शुल्क भी सरकार की ओर से आरएमआरएस द्वारा निर्धारित शुल्क के हिसाब से लिया जाए।
– स्लिप को सात दिन तक की मान्यता दी जाए।
– शहर या कस्बे के किसी भी हिस्से से यह ओपीडी रजिस्ट्रेशन स्लिप ई-मित्र खुलने के दौरान कभी भी बनाई जा सके।
– ई मित्रों को मरीज या उनके परिजनों से लिए जाने वाले शुल्क में से प्रति मरीज 5 रुपए कमशीन दिया जाना चाहिए। प्रत्येक माह अपना कमीशन काटकर शेष पैसा जमा करया जाए।
– सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की योजनाओं में दी गई छूट वाले मरीजों का पैसा आरएमआरएस द्वारा ई-मित्र को फार्मेट के कलर कोडिंग के अनुसार दिया जाए।
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लुपिन ने यह लिखी चि_ी
लुपिन ओर से जिला कलक्टर को लिखी गई चि_ी में कहा है कि राजकीय जनाना एवं आरबीएम अस्पताल में आने वाले रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श व इलाज के लिए परेशानी होती है। पर्चा प्राप्त करने में अत्यधिक समय लगने से समय पर इलाज नहीं मिल पाता। इससे बीमारी जटिल होने की आशंका रहती है। ई-मित्र के माध्यम से इस समस्या का हल किया जा सकता है।
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इनका कहना है
पड़ोसी जिले धौलपुर में यह प्रयोग सफल रहा है। यहां भी मरीजों को इस तरह की राहत दी जा सकती है। इसके लिए मैंने जिला कलक्टर को सुझाव दिया है। साथ ही चिकित्सा राज्यमंत्री से भी इस संबंध में दरख्वास्त की है। यदि संस्था के लायक मदद होगी तो संस्था पहल करेगी।
– सीताराम गुप्ता, अधिशासी निदेशक लुपिन संस्था भरतपुर

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