भरतपुर

मजदूरी के लिए 42 डिग्री तापमान में भी चक्कर काटने को मजबूर लोग

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, किसी को एक बार भी नहीं मिली मजदूरी, तो किसी के दो महीने से रुपए ही नहीं मिले

भरतपुरJun 12, 2023 / 09:27 pm

Gyan Prakash Sharma

मजदूरी के लिए 42 डिग्री तापमान में भी चक्कर काटने को मजबूर लोग

भरतपुर. मनरेगा की तर्ज पर प्रदेश के शहरी क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय एवं बेरोजगार परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लोगों को रास नहीं आ रही है। क्योंकि इस योजना में नाम दर्ज कराने के बावजूद अभी तक रोजगार नहीं मिला है। कुछ लोगों को रोजगार भी मिल गया है तो उन्हें दो महीने से पैसे ही नहीं मिले हैं। कुछ मजदूरों को आरोप है कि उनके रुपए काट लिए गए हैं। गरीब को आर्थिक संबल देने के लिए यह योजना शुरू की गई है। जिससे गरीब एवं असहाय परिवार को को कुछ आस बंधी कि अब उन्हें भी रोजगार मिलेगा। लेकिन कब मिलेग, यह तो सरकार ही जाने। रोजगार की आस में अनेक लोग नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। एक तो मजदूरी कम मिलती है वह भी पूरी नहीं मिल रही है।
रजिस्ट्रेशन के बावजूद नहीं मिला रोजगार
हीरादास नगला निवासी हरवती का कहना है कि उन्होंने दो बार रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन अभी तक एक बार भी उन्हें रोजगार नहीं मिला है। तेजप्रकाश का कहना है कि उन्होंने भी रजिस्ट्रेशन कराया है, अभी तक रोजगार नहीं मिला है।
मजदूरों की व्यस्था…
नगर निगम में भुगतान के लिए पहुंची मेहंदी बाग के पास निवासी गोरा एवं मीना का आरोप है कि उन्होंने नौ-नौ दिन काम किया था, लेकिन भुगतान पूरा नहीं मिला है। दोनों की हाजिरी नौ-नौ दिन की है, लेकिन गोरा को साढ़े छह दिन का एवं मीना को सात दिन का भुगतान मिला है। बाकी का काट लिया है। नगर निगम में गए तो अधिकारी संतोष जनक जबाव नहीं देते हैं। इसी प्रकार कोई रजिस्ट्रेशन तो कोई रोजगार के लिए नगर निगम पहुंची उर्मिला, सुनीता, विमला, कमोदा, सुनीता देवी, किरण देवी आदि का आरोप है कि एक बार काम मिलने के बाद दुबारा काम के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। ऐसे में हर 15 दिन में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आना पड़ता है। दूसरी ओर काम भी दूर मिलता है। ऐसे में किराया भी लगता है। एक तो मजदूरी कम मिलती है और ऊपर से किराया लग जाता है। यहां पर सही जबाव नहीं मिलता है।
दो महीने से नहीं मिला भुगतान
विजयनगर निवासी आरती का कहना है कि उन्होंने अप्रेल एवं मई में 15-15 दिन काम किया था, लेकिन भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। एक तो मजदूरी बड़ी मुश्किल से मिली थी और भुगतान के लिए नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कोई अधिकारी सही जबाव भी नहीं दे रहा है, जिससे पता लगे की कब वेतन मिलेगा।
इनका कहना….
59 हजार जॉबकार्ड जारी हो चुके हैं। मजदूरों का 15 अप्रेल तक का भुगतान हो चुका है। बाकी का भुगतान भी शीघ्र ही होगा। 100 दिन का रोजगार पूरा करने के बाद 25 दिन का रोजगार प्राप्त करने के लिए पुन: रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। अनुपस्थित होने पर ही भुगतान काटा जाता है।
-सुभाष चन्द्र गोयल, आयुक्त, नगर निगम, भरतपुर
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