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भरतपुर

बीमारी को हल्के में लिया तो पड़ जाएगी भारी

– चिकित्सक ने हौसलों से हराया कोरोना

भरतपुरMay 28, 2021 / 04:41 pm

Meghshyam Parashar

बीमारी को हल्के में लिया तो पड़ जाएगी भारी

बीमारी को हल्के में लिया तो पड़ जाएगी भारी

भरतपुर. बेहतर उपचार और सकारात्मक विचारों से हम कोरोना को हराने में कामयाब हो सकते हैं। बीमारी को यदि हल्के में लिया तो वह हम पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में जरा भी लक्षण लगें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाकर उपचार शुरू कर दें। इसमें देरी करना बहुत दुखदाई हो सकता है। यह कहना है आरबीएम के एमडी मेडिसिन डॉ. सुरेश पाल का। डॉ. सुरेश पाल ने खुद को सकारात्मक रखते हुए कोरोना से जंग जीती है।
कोरोना की पहली लहर की शुरुआत से ही डॉ. पाल पोस्ट कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। लगातार 13 माह तक मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सक संक्रमित हो गए। बुखार एवं सांस में तकलीफ महसूस होने पर उन्होंने जांच कराई तो यह पॉजिटिव आई। यह क्षण तनाव भरा था, लेकिन उन्होंने खुद खुद को संयमित करते हुए उपचार शुरू कर दिया और पांच दिन तक आरबीएम के डे-केयर में भर्ती रहे। डॉ. पाल कहते हैं कि मैंने बीमारी के दरिम्यान खुद को बेहद सकारात्मक रखा। साथ ही नियमित रूप से पूर्ण दवाओं का सेवन किया। चिकित्सक कहते हैं कि दवाओं के साथ मुख्य चीज खुद को सकारात्मक रखना है। यदि हम खुद को सहज और सकारात्मक नहीं रखेंगे तो बीमारी हावी होगी। ऐसे में इसके लिए पॉजिटिविटी बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान मुझे रेमडेसिविर भी लगा है, लेकिन बिना घबराहट के मैंने इसका पूरा कोर्स किया। इसकी बदौलत में करीब 12 दिन में पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया। चिकित्सक बताते हैं कि दवाओं के साथ मैंने नियमित रूप से दौड़ को भी दिनचर्या में शामिल किया। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए।
वैक्सीन लगवाएं, बीमारी को टालें नहीं

डॉ. पाल कहते हैं कि मैंने दोनों वैक्सीन लगवा रखी थीं। यह मेरे लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। इसकी बदौलत बीमारी घातक रूप नहीं ले सकी। चिकित्सक कहते हैं कि अक्सर कुछ लोग अस्वस्थ होने पर बीमारी को टालते रहते हैं और अपने स्तर पर इलाज करते हैं। यह तरीका कतई सही नहीं है। यदि कुछ भी लक्षण दिखते हैं तो तुरंत टेस्ट कराएं। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव भी आए तो बिना घबराए उपचार कराएं। कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की तादाद बहुत अच्छी है। डॉ. पाल कहते हैं कि दवा और टेस्ट में देरी करने से यह बीमारी बहुत बढ़ जाती है। इसके बाद यह खतरनाक रूप ले लेती है। ऐसे में टेस्ट कराने और दवा लेने में बिल्कुल भी देरी नहीं करें।

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