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भरतपुर

वहां पंजाब से माननीय मुश्किल में, यहां पंजाबी से साहब पशोपेश में

-पंजाबी भाषा में बने मृत्यृ प्रमाण पत्र ने बढ़ाई पीडि़ता की परेशानी

भरतपुरJan 30, 2021 / 05:45 pm

Meghshyam Parashar

वहां पंजाब से माननीय मुश्किल में, यहां पंजाबी से साहब पशोपेश में

वहां पंजाब से माननीय मुश्किल में, यहां पंजाबी से साहब पशोपेश में

भरतपुर. पंजाब से उठे किसान आंदोलन से जहां माननीय की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। वहीं जिले में पंजाबी भाषा ने एक साहब को उलझा कर रख दिया है। आलम यह है कि वहां माननीय उनकी मंशा नहीं भाप पा रहे हैं। वहीं यहां साहब पंजाबी भाषा का मर्म नहीं समझकर उलझन में हैं। ऐसा ही हास्याहास्पद मामला सामने आया है कुम्हेर उपखंड की ग्राम पंचायत पपरेरा के गांव कुंजी का नगला में।
गांव कुंजी का नगला निवासी हिम्मत सिंह की एक सड़क हादसे में वर्ष 2011 में पंजाब के लुधियाना में मौत हो गई थी। उनका बैंक खाता भटावली गांव स्थित एसबीआई बैंक में था। गांव में हिम्मत सिंह के नाम जमीन है। इस जमीन पर उन्होंने मौत से करीब 20 दिन पहले बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड कार्ड के जरिए 54 हजार रुपए का ऋण लिया था, लेकिन इस ऋण की एवज में बैंक की ओर उनका बीमा नहीं किया गया। अब हिम्मत सिंह की मौत के बाद उनकी पत्नी दर्शना रानी ने बीमा नहीं करने पर बैंक के खिलाफ कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए ऋण का 10 प्रतिशत ही बैंक में भरने का आदेश जारी किया है। हिम्मत सिंह की मौत पंजाब में हुई थी। ऐसे में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी पंजाब से पंजाबी भाषा में ही जारी किया गया। पीडि़त दर्शना रानी अपने मृतक पति की ओर से लिए गए ऋण को कोर्ट के आदेश के मुताबिक बैंक में भरने पहुंची। यहां बैंक मैनेजर गौरव ने हिम्मत सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल करने को कहा, जब पीडि़ता ने पंजाबी भाषा में लिखा हुआ मृत्यु प्रमाण पत्र बैंक में जमा कराया तो बैंक मैनेजर ने उसे यह कहते हुए वापस कर दिया कि पंजाबी भाषा उनकी समझ में नहीं आती। ऐसे में पीडि़त चक्कर लगाने को विवश है।
इसमें मेरा क्या कुसूर

पंजाबी भाषा पढऩे में असफल बैंक मैनेजर काफी समय से पीडि़ता को इधर से उधर दौडऩे को विवश कर रहे हैं। खासी जद्दोजहद के बाद पीडि़ता ने प्रमाण पत्र का हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद भी कराया। साथ ही कहा कि किसी भी भाषा का अनुवाद कराने की जिम्मेदारी बैंक की होती है, लेकिन कई दिनों से उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने को विवश होना पड़ रहा है। पीडि़ता का कहना है कि उनके पति की मौत पंजाब में हुई। ऐसे में वहां की भाषा में ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इसमें मेरा क्या कुसूर है।

-अगर कोई ऐसा मामला है तो जानकारी की जाएगी। इस बारे में लीड बैंक ऑफिसर से बात कर परिवादी को न्याय दिलाया जाएगा।
बीना महावर
एडीएम प्रशासन

-यह बैंक के अपने-अपने नियम व निर्धारित मापदंड होते हैं। बाकी मामला क्या है एक बार संबंधित शाखा से बात करूंगा। मामला मानवीय दृष्टिकोण से भी संबंधित है। प्रकरण की जानकारी हर संभव मदद कराई जाएगी।
कै. रविंद्र पांडेय
लीड बैंक ऑफिसर

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