इस कॉलोनी को बसे तीन दशक से भी अधिक का समय हो गया। लेकिन इन्होंने कभी मीठा पानी अपने वार्ड में नहीं देखा है। यहां के वाशिंदे आज भी अल सुबह अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे स्टेशन की टंकी व स्टेशन के पीछे बने देवी माता के मंदिर पर लग रहे एक हैंडपंप से भरकर लाते हैं। क्योंकि इनका पानी मीठा है।
जबकि नानकपुर के लोग पानी लाने के लिए रेल लाइन को पार करते हैं। अगर रेलवे स्टेशन पर जब कोई गाड़ी खड़ी रहती है। तो महिलाएं पुल पर होकर पानी लेने आती है। यानी पानी से भरे बर्तन को लेकर 100 सीढ़ियां चढ़नी उतरती है। इसके बाद भी दीवारों से कूदना पड़ता है। कुछ दिन बाद कोहरा भी आएगा। जब भारी परेशानी का सामना करेगी।
जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन बेखबर
40 वर्षों से लोकसभा व विधानसभा की सीट एससी की रही है। वही नानकपुर में जाटव समाज के ही लोग रहते हैं। लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने इनकी सुध नहीं ली है। रूपवास ग्राम पंचायत भी रही है। विगत 5 वर्षों से नगर पालिका भी हुई है। लेकिन आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन ने इन घरों के लिए मीठा पानी उपलब्ध कराने के लिए जहमत तक नहीं उठाई है। यह भी पढ़ें