एक ही पांडाल के नीचे हिंदू-मुस्लिम की बेटियों की शादी कराकर वह सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर चुकी हैं। साल भर में जो भी बधाई मिलती है, उसका 80 प्रतिशत वह गरीब कन्याओं की शादी में खर्च कर देती है। कन्या भ्रूण हत्या पर वह कहती हैं कि लोगों को बेटियों को जन्म देकर पालन-पोषण करना चाहिए, इससे प्रकृति का संतुलन बना रहे। किन्नर नीतू मौसी ने बताया कि 13 साल से गरीब कन्याओं की शादी करा रही हूं। इसमें हिंदू एवं मुस्लिम दोनों बेटियों को शामिल करती हूं।
इस बार उन्होंने 10 में से 8 हिन्दू और दो मुस्लिम समाज की बेटियों की शादी कराई। जजमानों के यहां से मिलने वाली बधाई का वह केवल 20 प्रतिशत ही अपने पास रखती हैं। बाकी गरीब कन्याओं की शादी में लगा देती हैं। बेटियों की शादी में आने वाले कन्यादान को भी वह इन बेटियों को दे देती हैं। कन्या को 5 तोला सोना, चांदी की बिछिया, तोडिय़ां, हाथ की घड़ी, फ्रिज, कूलर एवं बेड सहित 51 बर्तन के साथ गृहस्थी का पूरा सामान दिया जाता है। शनिवार को हुए विवाह सम्मेलन में भाजपा नेता गिरधारी तिवारी मौजूद रहे।
बेटियों का अच्छे से करें पालन
बेटियों का अच्छे से करें पालन
किन्नर नीतू मौंसी के विवाह सम्मेलन की खास बात यह होती है कि एक ही विवाह मंडप में वैदिक मंत्र और निकाह की आयतें गूंजती हैं। नीतू ने समाज को संदेश देते हुए कहा कि कोई काम बड़ा और छोटा नहीं होता। दिल की धारणा होनी चाहिए सब पूर्ण होता है। समाज में लड़कियों की शिक्षा पर जोर देकर कन्या भू्रण पर रोक लगाने का काम करना चाहिए। लोगों को बेटी जन्म देकर अच्छे से पालन-पोषण करना चाहिए, जिससे कुदरत का संतुलन नहीं बिगड़े।