एक गिरोह लंबे समय से है सक्रिय बताते हैं कि मोरी चार बाग के पीछे बड़े स्तर पर जुआ-सट्टा, अवैध शराब का कारोबार हो रहा है। इससे यहां एक गिरोह भी सक्रिय है। इनमें से ज्यादातर नशे के आदी है। यह रात को चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। कुछ बदमाश जेल से जमानत पर हैं तो कुछ पुलिस की पकड़ से दूर हैं। जानकारों ने बताया कि इन्हीं बदमाशों की ओर से ऐसी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है, जबकि पुलिस की सांठगांठ के कारण कोई कार्रवाई नहीं होती है।
दवा विक्रेता पर भी हमला कर चुका है बदमाश मोरी चार बाग निवासी एक बदमाश ने नशे की गोलियां नहीं देने पर दो जुलाई को हमला कर दिया था। शिकायत के बाद भी पुलिस ने बदमाश को गिरफ्तार नहीं किया था, बल्कि दुबारा धमकी देने आए बदमाश को दुकानदारों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था। नशे के आदी कई बदमाशों के कारण दुकानदार परेशानी का सामना कर रहे हैं।
केस नंबर एक -करीब 15 दिन मोरी चार बाग में ही मूला हलवाई के घर चोरी हुई। अभी तक चोरी गए सामान व चोरों का कोई सुराग नहीं लग सका है। केस नंबर दो
-करीब एक सप्ताह पहले सतीशचंद के घर में चोरी हुई थी। कपड़ा व्यापारी के यहां हुई चोरी का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। केस नंबर तीन कुछ दिन पहले राजू के यहां चोरी हुई। पीडि़त फल की रेहड़ी लगाता है। इसी तरह ओमप्रकाश जाटव के मकान में भी चोरी हुई थी। इसमें भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। चोर को पकड़ लिया था। सामान बरामदगी अभी तक नहीं हो सकी है।