निराश्रितों को मिलेगा जल्द आसरा
भरतपुर. संतानहीन, असमर्थ, बेघर, असहाय एवं निराश्रित व्यक्तियों को सहारा देने के लिए सरकार की ओर से पुनर्वास गृह खोले जाएंगे। जहां पर सभी को रहने व खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। फिलहाल कोई भवन नहीं बनने तक सरकार की ओर से एनजीओ के माध्यम से पुनर्वास गृह खोला जाएगा, जहां पर रहने वाले प्रति व्यक्ति के हिसाब से 2500 रुपए महीने सरकार देगी।
शहर सहित प्रदेशभर में रहने वाले बेघर, असहाय, निराश्रित, असमर्थ एवं संतानहीन व्यक्तियों को रहने के लिए प्रत्येक जिले में एक पुनर्वास गृह खोलने की योजना है। भरतपुर में भी इसके लिए पुष्पा सोसायटी स्थित विजयनगर कॉलोनी में एक पुनर्वास गृह शुरू किया जाएगा। प्रबल सोसायटी के माध्यम से शुरू होने वाले इस गृह में 75 लोगों के रहने की सुविधा होगी। फिलहाल भवन नहीं बनने तक यहां पर व्यवस्था की जा रही है। जो शीघ्र ही शुरू होने वाला है। सरकार की ओर से भवन तैयार होने के बाद वहां पर शिफ्ट किया जाएगा। प्रबल सोसायटी के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन भाटी के अनुसार फिलहाल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से प्रति व्यक्ति 2500 रुपए दिए जाएंगे। यहां पर निराश्रित व्यक्तियों को आश्रय तो मिलेगा ही। साथ में भामाशाहों की मदद से यहां पर रहने वाले लोगों को स्वरोजगार बनाने के लिए सिलाई, माला बनाने सहित अन्य प्रशिक्षण भी दिलाए जाएंगे। जिनके माध्यम से उनकी कुछ आय हो सके। इनके माध्यम से होने वाली आय पर निराश्रित लोगों का ही हक होगा। पुनर्वास गृह के शुरू होने के बाद लोग सड$क पर भीख मांगते नहीं दिखाई देंगे।
ये रह सकेंगे पुनर्वास गृह
वृद्ध पुरुष की उम्र 60 वर्ष और महिला की उम्र 55 वर्ष (काम करने में असमर्थ या निराश्रित हो या संतानहीन हो)। जो आजीविका चलाने में असमर्थ हो। जिसका कोई घर या आश्रय नहीं हो। 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला जो एकल, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता या विवाहित हो जिनका पति या निकटतम सम्बंधी न हो। जो स्वयं के परिवार से प्रताडि़त हो। बेघर, वृद्धजन, कामकाजी महिला, असहाय /निराश्रित एवं जो स्वयं रहने के इच्छुक हो। बीमार वृद्ध, परित्यक्ता महिला एवं पीडि़त महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
इनका कहना…
राज्य सरकार की मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना प्रारंभिक रूप से एनजीओ के माध्यम से चलाई जाएगी। अभी भरतपुर में एनजीओ के माध्यम से शुरू की जाएगी। जिसके लिए प्रति व्यक्ति 2500 रुपए महीने दिया जाएगा।
-जेपी चांवरिया, उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, भरतपुर