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भरतपुर

एसीबी मुख्यालय पहुंचा नपा प्रकरण, जांच में निकला करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा

-सामाजिक कार्यकर्ता ने की एसीबी में शिकायत

भरतपुरApr 14, 2022 / 10:38 pm

Meghshyam Parashar

एसीबी मुख्यालय पहुंचा नपा प्रकरण, जांच में निकला करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा

एसीबी मुख्यालय पहुंचा नपा प्रकरण, जांच में निकला करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा

भरतपुर/कामां. नगर पालिका की ओर से किए गए विकास कार्यो में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा सूचना अधिकार के तहत सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से मांगी गई ऑडिट जांच रिपोर्ट में सामने आया है। जिस पर नगर पालिका प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी को दो सौ पांच पन्नों की ऑडिट जांच देकर इसमें शामिल नगर पालिका के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्ट्राचार का मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक को दिए गए पत्र में बताया कि ऑडिट जांच अंकेक्षण दल की ओर से नगर पालिका कामां के वार्षिक प्राप्ति एंव भुगतान लेखों का अंकेक्षण संस्था की रोकड़ पुस्तिका के मूल अभिलेखों के आधार पर किया गया। इसमें अंकेक्षण ऑडिट जांच दल की ओर से तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष, अधिशाषी अधिकारी, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, लिपिक एंव लेखाधिकारी की ओर से नियम विरुद्ध तरीके से पद का दुरुपयोग करते हुए बिना कार्य किए हुए नियम विरूद्ध तरीके से संवेदकों का भुगतान कर गबन करना पाया गया है। इस फर्जकारी एवं गबन में शामिल कई अधिकारी व कर्मचारी आज भी नगर पालिका कार्यालय में पदस्थापित है। इनके खिलाफ गबन व फर्जकारी का मुकदमा दर्ज कर गबन की गई राशि की वसूली करने की मांग की है।
ऑडिट में ऐसे पाया फर्जीवाड़ा

नगर पलिका की ओर से संवेदक कौशिक को वर्क ऑर्डर मात्र 25 लाख 54 हजार 326 रुपए का दिया गया था। जबकि संवेदक को एक लाख 15 हजार 648 रुपए का अधिक भुगतान संवेदक को अकारण व अनियमित रूप से वर्क ऑर्डर के विपरीत किया गया था। इसके अलावा नगर पालिका की ओर से लगााए वाहनों में कामां से भरतपुर आना व जाना करीब 130 किमी है। जबकि नगर पालिका के बिल में करीब 500 किमी की दूरी दिखाई गई है। इससें 370 किमी अतिरिक्त दर्शाकर फर्जीवाड़ा किया गया है। जबकि कामां से भरतपुर प्राइवेट ट्रेवल्स एक दिवस का भाड़ा मय चालक आना जाना एसी गाड़ी 15 सौ रुपए ले रही है। वहीं ऑडिट जांच दल को नगर पालिका के लेखा जोखा में करोड़ों रुपए की राशि का कोई अता पता नहीं है। ऐसे कई मामले सूचना अधिकार के तहत उजागर हुए है। साथ ही ऑडिट जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े को लेखा नियमों के अनुसार कपट र्दुविनियोग एंव राजस्व हानि पहुंचाने का दोष सिद्ध हो जाने के आधार पर ऐसे कार्मिको के विरुद्ध आपराधिक कृत्य किया हुआ माना जाकर मुकदमा दर्ज कराने की अभिशंषा की है, लेकिन अभी तक स्थानीय निकाय विभाग ने गबन के दोषी कार्मिको के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

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