इस तरह वारदात को देते अंजाम ठग गिरोह लोगों के पास कॉल करता है और विश्वास में लेने के बाद उनका केवाइसी अपटेड करने, एटीएम बंद होने, लाटरी लगने आदि के नाम पर बरगलाकर ओटीपी प्राप्त कर लेता हैं। साथ ही उनके बैंक खातों से रुपए पेटीएम व अन्य वॉलेट में ट्रांसफर कर लेते हैं। इसके अलावा सहायता के नाम पर कार्ड लेकर उसे बदल लेते हैं और बाद में उस डेबिट कार्ड के माध्यम से राशि को निकाल लेते हैं।
बातों-बातों में उलझा रहे लोग पुलिस के अनुसार ठगी करने वाले शातिर प्रोफेशनल हैं। कभी ये कस्टमर केयर से फोन करके एटीएम कार्ड रिन्यू करने की बात कहते हैं तो कभी कॉल सेंटर से फोन करके नौकरी का झांसा देते हैं। शातिर इतने चतुर हैं कि बातों-बातों में वे बैंक की सारी डिटेल प्राप्त कर लेते हैं। लोगों को फोन पर ज्यादा देर तक उलझाकर रखते हैं ताकि इनके अकाउंट को हैक कर सकें। जब उनका खाता हैक हो जाता है और नकदी को दूसरे खातों में भेज देते हैं। जब तक व्यक्ति समझता है तब तक उसके साथ ठगी हो चुकी होती है।
इस तरीके से बचे ठगी से -डेबिट, क्रेडिट और एटीएम कार्ड किसी से शेयर न करें। -खरीदारी के वक्त कार्ड अपने सामने स्वाइप करें, पिन खुद ही डालें, लिमिट्स को कम रखें, एसएमएस अलर्ट को चालू रखें।
-ट्रांजेक्शन गड़बड़ी पर बैंक को लिखित में शिकायत दें। इसमें किसी भी तरह की देरी न करें। -स्टेटमेंट को हर तीन दिन में जांचे। नेट पर कार्ड के जरिए पेमेंट केवल वेबसाइट पर करें।
-अपने मोबाइल वॉलेट का चयन सावधानी से करें। नियम और शर्तें जरूर पढ़ें, इंटरनेट पर वॉलेट के कस्टमर रिव्यू पढ़ें। -मोबाइल एप को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें, जैसे कि प्ले स्टोर। केस नंबर एक
रंजीत नगर निवासी राकेश गुप्ता के पास १३ अगस्त की सुबह फोन आया कि आपके बीएसएनएल सिम की केवाइसी एक्सपायर हो गई है। आप इसके लिए हमें जानकारी दे। ऐसा नहीं करने सिम बंद हो जाएगी। ऐसी कॉल उनके पास करीब चार-पांच बार आई। इसके बाद बीएसएनएल कार्यालय में पता किया तो इसके फर्जी होने की बात सामने आई।
केस नंबर दो मोरी चार बाग निवासी कपिल के पास मैसेज आया कि बीएसएनएल की सिम एक्सपायर हो चुकी है। इसके बाद उनके पास कॉल आया। उन्होंने पूछा कहां से बोल रहे हैं तो बोले जयपुर से। इस पर उन्होंने सिम बंद कर देना कहा तो फोन कट हो गया। बीएसएनएल कार्यालय से पता किया तो फर्जी कॉल की जानकारी मिली।