scriptतीन साल से फुटबॉल बना हुआ है शहर का जोनल प्लान | Football has been the zonal plan of the city for three years | Patrika News
भरतपुर

तीन साल से फुटबॉल बना हुआ है शहर का जोनल प्लान

-हर बार अधिकारियों का एक ही जबाव…ड्राफ्ट हो रहा फाइनल, मास्टर प्लान के बाद 121 दिन में होना था तैयार

भरतपुरJun 28, 2021 / 08:30 am

Meghshyam Parashar

तीन साल से फुटबॉल बना हुआ है शहर का जोनल प्लान

तीन साल से फुटबॉल बना हुआ है शहर का जोनल प्लान

भरतपुर. शहर का जोनल प्लान पिछले तीन साल से फुटबॉल बना हुआ है। खुद राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग दो बार जोनल प्लान को लेकर निर्देशित कर चुके हैं। मास्टर प्लान बनने के बाद 121 दिन में ही जोनल प्लान तैयार होना था। यही कारण है कि इससे कृषि भूमि पर बसी आवासीय कॉलोनियों में नियमन नहीं हो पा रहा है। लैंड यूज चेंज समेत कई कार्य अटके हुए हैं। आवेदक पिछले लंबे समय से यूआईटी के चक्कर काट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नए आदेश के अनुसार ऐसी अनधिकृत कॉलोनियां या क्षेत्र जिनके ले-आउट प्लान अनुमोदित नहीं है, उनका नियमन उस क्षेत्र का जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार कर विधिक प्रक्रिया के अनुसार अधिसूचित होने के बाद ही जोनल डवलपमेंट प्लान में प्रस्तावित सुविधाओं आदि की सुनिश्चितता करते हुए किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2004 से चल रहे गुलाब कोठारी प्रकरण में उच्च न्यायालय मामले की सुनवाई के दौरान एक स्थगन आदेश जारी कर चुका है। इसमें कहा गया है कि जब तक किसी शहर या जमीन का जोनल एवं सेक्टर प्लान बनकर पास नहीं हो जाता है तब तक इस प्रकार की किसी भी जमीन पर आवेदक को पट्टा जारी नहीं किया जा सकता है। यहां यह बात साफ है कि यूआईटी में पट्टे बनाने का काम इसलिए ठप है कि यहां न तो जोनल प्लान बना है और न ही सेक्टर प्लान। न्यायालय के मार्गदर्शन के अनुसार यह दोनों प्लान बन कर पास नहीं होते हैं तब तक इस प्रकार की जमीन के कोई भी पट्टे जारी नहीं किए जा सकते। मास्टर प्लान बनने के बाद तैयार किए जाने वाले जोनल प्लान में योजना में बेहतर रोड कनेक्टिविटी, आबादी के हिसाब से कई स्थानों पर नए सुविधा केंद्र विकसित किए जाने थे। इसके अलावा सड़क निर्माण, नई आवासीय योजनाएं, व्यावसायिक योजनाएं और जनसुविधाओं की कार्य योजना तैयार की जानी थी। जोनल प्लान को 11 चरणों में बांटा जाना था। इसमें प्रथम चरण में जोन की क्षेत्र सीमा, दूसरे चरण में योजना का आधारभूत मानचित्र और डाटा संग्रह का कार्य, तीसरे चरण में राजस्व नक्शे, नगर निगम बोर्ड, मुख्य संरचनाओं और भूमि के मूल टाइटल के हिसाब से रिपोर्ट बनानी थी। चौथे चरण में आधारभूत मानचित्र के अनुसार भौतिक सत्यापन किया जाएगा। पांचवें चरण में नगर नियोजन विभाग की ओर से अंतिम जोनल डवलपमेंट प्लान बनाया जाएगा। आपत्तियां व सुझाव भी आमंत्रित किए जाने थे। इस प्रकार के विकास व अन्य चरण व अंतिम 11वें चरण में जोनल डवलपमेंट प्लान राज्यस्तरीय भू उपयोग समिति के समक्ष पेश कर इसका प्रकाशन किया जाना था।
यह है पूरा मामला

वर्ष 2004 से लंबित गुलाब कोठारी मामले में जोधपुर हाईकोर्ट ने 12 जनवरी 2017 को आदेश दिए. इस आदेश में भवन विनियमों के विपरीत निर्माण को नियमित नहीं करने, सामान्य परिस्थितियों में मास्टरप्लान में दर्शाए भू उपयोग से इतर भू उपयोग की स्वीकृति नहीं देने, पुराने मास्टरप्लान में दर्शाए खेल मैदान, पार्क और इकोलोजिकल जोन को उसी अनुसार यथावत रखने के निर्देश दिए गए। साथ ही यह भी तय किया गया कि बगैर जोनल प्लान सबमिट किए लैंड यूज चेंज व नियमन नहीं हो सकेंगे। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया, लेकिन पूर्व के आदेश को ही यथावत रखा गया।
इन पर पड़ रहा प्रभाव

लैंड यूज चेंज नहीं होने के कारण व्यावसायिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पा रही है। पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में भूखंड खरीद चुके लोग उनका विक्रय भी नहीं कर पा रहे हैं। इससे प्रोपर्टी का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।
-ड्राफ्ट फाइनल स्टेज पर चल रहा है। जोनल प्लान जल्द बनकर तैयार हो जाएगा।
रुदन सिंह मीणा
कार्यवाहक डीटीपी


-पिछली बैठक में डीटीपी ने अवगत कराया था कि जुलाई माह में जोनल प्लान बनकर तैयार हो जाएगा। कार्य अंतिम स्टेज पर है।
केके गोयल
कार्यवाहक सचिव यूआईटी

Hindi News/ Bharatpur / तीन साल से फुटबॉल बना हुआ है शहर का जोनल प्लान

ट्रेंडिंग वीडियो