भरतपुर

दिल्ली में प्रदूषण से राजस्थान के इस जिले की हवा बेहद खराब!

– भरतपुर अब पाबंदियों वाला शहर
– तय मापदंड से दोगुना बढ़ा खतरा, बढ़ते प्रदूषण से हर कोई आहत

भरतपुरNov 09, 2024 / 07:39 pm

Meghshyam Parashar

दीपावली के त्योहार के बाद हावी हुआ प्रदूषण हर किसी की सांसों को घोंटता नजर आ रहा है। दिल्ली में बढ़े प्रदूषण से भरतपुर की हवा भी खराब हो गई है। प्रदेश के प्रदूषित शहरों में भरतपुर का नंबर पांच तक आ चुका है। ऐसे में यहां अस्थमा एवं सांस संबंधी मरीजों की दिक्कत बढ़ रही हैं। ऐसे मरीजों को चिकित्सक मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं। हाल ही में 4 नवम्बर को देश के टॉप-10 शहरों में राजस्थान के तीन शहर शामिल हो गए, जिनका आईक्यूआई 300 के पास पहुंच गया है। इनमें श्रीगंगानगर, भरतपुर एवं हनुमानगढ़ शामिल रहे।
पिछले दो दिनों को छोड़ दें तो भरतपुर का एक्यूआई स्तर 200 से पार है, जबकि मापदंड के अनुसार यह 100 तक ही होना चाहिए। सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही दिल्ली एनसीआर के साथ राजस्थान के कई शहरों में वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव नजर आ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण के चलते पिछले कुछ वर्षों में लोगों के लिए खतरा बढ़ा है। प्रदूषण वाले क्षेत्रों में कार्बन के कण बेहद आसानी से सांस के साथ फेंफड़ों तक पहुंच रहे हैं। कल-कारखानों के नजदीक की बस्तियों एवं ऐसे व्यस्त इलाके जहां वाहनों का बहुत अधिक दबाव है, वहां स्थिति गंभीर होती जा रही है। यहां रहने वाली गर्भवती महिलाओं के गर्भनाल में भी कार्बन के कण की व्यापक मात्रा होने की बात सामने आई है। विशेषज्ञ बताते हैं कि वातावरण प्रदूषित होने से सभी इसका शिकार हो रहे हैं। बुजुर्ग, महिला, जवान और यहां तक कि बच्चे भी इसकी जद में आ रहे हैं। इन दिनों प्रदूषण के चलते बीमार होने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। श्रीगंगानगर का एक्यूआई 4 नवम्बर को 400, भरतपुर का 329 और हनुमानगढ़ का 367 दर्ज किया गया था।
यह है एक्यूआई के मानक

प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मानकों के अनुसार प्रदूषण एक्यूआई का स्तर जीरो से 50 तक रहने पर अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक संतुलित, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक ज्यादा खराब तथा 401 से 500 तक प्रदूषण की गंभीर स्थिति मानी जाती है। वर्तमान में एनसीआर क्षेत्र का एक्यूआई 200 से 250 के बीच चल रहा है, जो गंभीर प्रदूषण की स्थिति को दर्शा रहा है।

कब कितना रहा एक्यूआई स्तर
दिनांक एक्यूआई

8 नवम्बर 187
7 नवम्बर 172
6 नवम्बर 225
5 नवम्बर 265
4 नवम्बर 329
3 नवम्बर 297
2 नवम्बर 233
1 नवम्बर 272
31 अक्टूबर 259

बढ़ता प्रदूषण: पाबंदियां और एहतियात

  • प्रतिदिन मशीन-वैक्यूम स्वीपिंग मशीनों से की जाए सडक़ों की सफाई।
  • सडक़ों पर धूल रोकने को पानी के छिडक़ाव के साथ डस्ट सप्रिसेंट्स का उपयोग हो। खास तौर से हॉटस्पॉट, भारी यातायात मार्गों, संवेदनशील क्षेत्रों में और एकत्रित की गई धूल-मिट्टी का उचित निस्तारण किया जाए।
  • निर्माण व विध्वंश (सीएंडडी) स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करने को निरीक्षण बढ़ाए जाएं।
  • एनसीआर में सभी चिह्नित हॉटस्पॉट पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उचित व सटीक कार्रवाई करें।
  • वैकल्पिक विद्युत सेटों/उपकरणों (डीजी सेट आदि) के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें।
  • आमजन से यह अपील
  • आमजन निजी वाहनों का उपयोग कम करें व सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा उपयोग करें।
  • आमजन कम भीड़भाड़ वाला मार्ग चुनें।
  • अपने वाहनों में नियमित अंतराल पर एयर फिल्टर बदलें।
  • अक्टूबर से जनवरी माह के दौरान धूल पैदा करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचें।
  • ठोस अपशिष्ट और बायोमास को खुले में नहीं जलाएं।
इनका कहना है
मौसम में बदलाव और प्रदूषण के कारण इन दिनों अस्थमा एवं सांस संबंधी दिक्कतत होने के मरीज खूब आ रहे हैं। ऐसे मरीजों में करीब 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।

  • डॉ. विवेक भारद्वाज, वरिष्ठ फिजीशियन आरबीएम अस्पताल भरतपुर
इनका कहना है
दीपावली के त्योहार के बाद पटाखे आदि से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। यहां कुछ पाबंदियां भी लागू की गई हैं, जिनकी सख्ती से पालना कराई जा रही है।

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