यह है एक्यूआई के मानक प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मानकों के अनुसार प्रदूषण एक्यूआई का स्तर जीरो से 50 तक रहने पर अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक संतुलित, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक ज्यादा खराब तथा 401 से 500 तक प्रदूषण की गंभीर स्थिति मानी जाती है। वर्तमान में एनसीआर क्षेत्र का एक्यूआई 200 से 250 के बीच चल रहा है, जो गंभीर प्रदूषण की स्थिति को दर्शा रहा है।
कब कितना रहा एक्यूआई स्तर
दिनांक एक्यूआई
8 नवम्बर 187
7 नवम्बर 172
6 नवम्बर 225
5 नवम्बर 265
4 नवम्बर 329
3 नवम्बर 297
2 नवम्बर 233
1 नवम्बर 272
31 अक्टूबर 259
- प्रतिदिन मशीन-वैक्यूम स्वीपिंग मशीनों से की जाए सडक़ों की सफाई।
- सडक़ों पर धूल रोकने को पानी के छिडक़ाव के साथ डस्ट सप्रिसेंट्स का उपयोग हो। खास तौर से हॉटस्पॉट, भारी यातायात मार्गों, संवेदनशील क्षेत्रों में और एकत्रित की गई धूल-मिट्टी का उचित निस्तारण किया जाए।
- निर्माण व विध्वंश (सीएंडडी) स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करने को निरीक्षण बढ़ाए जाएं।
- एनसीआर में सभी चिह्नित हॉटस्पॉट पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उचित व सटीक कार्रवाई करें।
- वैकल्पिक विद्युत सेटों/उपकरणों (डीजी सेट आदि) के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें।
- आमजन से यह अपील
- आमजन निजी वाहनों का उपयोग कम करें व सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा उपयोग करें।
- आमजन कम भीड़भाड़ वाला मार्ग चुनें।
- अपने वाहनों में नियमित अंतराल पर एयर फिल्टर बदलें।
- अक्टूबर से जनवरी माह के दौरान धूल पैदा करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचें।
- ठोस अपशिष्ट और बायोमास को खुले में नहीं जलाएं।
मौसम में बदलाव और प्रदूषण के कारण इन दिनों अस्थमा एवं सांस संबंधी दिक्कतत होने के मरीज खूब आ रहे हैं। ऐसे मरीजों में करीब 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।
- डॉ. विवेक भारद्वाज, वरिष्ठ फिजीशियन आरबीएम अस्पताल भरतपुर
दीपावली के त्योहार के बाद पटाखे आदि से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। यहां कुछ पाबंदियां भी लागू की गई हैं, जिनकी सख्ती से पालना कराई जा रही है।