मिट सकता है सुसाइड पॉइंट का दाग… पिछले लंबे समय से सुजानगंगा नहर में आए दिन सुसाइड हो रही हैं। अब इसे सुसाइड पॉइंट बनती जा रही है। अगर यहां बोटिंग शुरू होती है तो चहल पहल भी बढ़ेगी। इससे सुसाइड केस में भी कमी आएगी।
विकास के नाम पर सिर्फ नोटिस… हकीकत यह है कि पुरातत्व विभाग की ओर से आज तक कोई बड़ा प्रोजेक्ट सुजानगंगा या किले के विकास के लिए नहीं बनाया है। अगर कोई समाजसेवी या विभाग कार्य करना चाहे तो आपत्ति और नोटिस देने में आगे नजर आता है। यही कारण है कि विभाग के सही तरीके से काम नहीं करने के कारण सुजानगंगा में प्रदूषित पानी से लाखों मछलियों की मौत हो गई। किले में प्राचीन भवनों की हालत भी खराब हो चुकी है। पौधारोपण व सौंदर्यकरण के नाम पर खुद पुरातत्व विभाग लंबे समय से सिर्फ घोटाले ही कर रहा है।