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भरतपुर

साहब…जेसीबी आवाज सुनकर सिहर उठते हैं, चार दिन से चूल्हा तक नहीं जलाया

-सिमको प्रबंधन व पूर्व कर्मचारियों के बीच विवाद, क्वार्टरों को तोडऩे पहुंची जेसीबी, तहसीलदार को बताया महिलाओं ने दर्द

भरतपुरJul 30, 2020 / 08:04 pm

Meghshyam Parashar

साहब...जेसीबी आवाज सुनकर सिहर उठते हैं, चार दिन से चूल्हा तक नहीं जलाया

साहब…जेसीबी आवाज सुनकर सिहर उठते हैं, चार दिन से चूल्हा तक नहीं जलाया

भरतपुर. सिमको प्रबंधन व पूर्व कर्मचारियों के बीच पिछले करीब एक माह से विवाद हो रहा है। अब यह विवाद इतना बढ़ चुका है कि गुरुवार को एक बार फिर क्वार्टरों को तोडऩे के लिए जेसीबी पहुंची तो हंगामा हो गया। पूर्व कर्मचारियों के परिजनों ने सिमको प्रबंधन के अधिकारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई। एक महिला बिलखते हुए अधिकारियों से बोली कि वे दशकों से यहां इन क्वार्टरों में रह रहे हैं। जेसीबी की आवाज सुनकर ही बच्चे सिहर उठते हैं। चार दिन से चूल्हा तक नहीं जला है। इतनी भीषण गर्मी में भी अंधेरे में ही जीवन यापन कर रहे हैं। विवाद बढ़ता देखकर प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों पक्षों को तीन अगस्त तक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही तब तक सिमको प्रबंधन को क्वार्टरों में तोड़-फोड़ नहीं करने के लिए भी पाबंद किया गया।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब साढ़े आठ बजे सिमको प्रबंधन की ओर से सिमको लेबर कॉलोनी में क्वार्टरों को तोडऩे के लिए जेसीबी भेजी गई। जेसीबी के पहुंचते ही वहां क्वार्टरों में रहने वाले परिवारों के लोग भी आक्रोशित हो गए। उन्होंने क्वार्टरों में तोड़-फोड़ करने पर आंदोलन की चेतावनी दी। हंगामा होने की सूचना पर तहसीलदार अशोक मितल, सिमको के प्रशासनिक अधिकारी जगवीर सिंह मौके पर पहुंचे। श्रमिक व सिमको प्रशासन से बात की गई। दोनों पक्षों की ओर से दस्तावेज के लिए कहा गया। तीन अगस्त तक दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया। इसके बाद ही सिमको प्रशासन की ओर से क्वार्टरों को तोड़ा जाएगा। पार्षद रेखा रानी के प्रतिनिधि कृष्ण कुमार शर्मा ने भी विरोध व्यक्त किया। वहीं शाम को एक होटल में सिमको बचाओ संघर्ष समिति की ओर से बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई गई। साथ ही इस मामले को लेकर सिमको प्रबंधन के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्हें अब भी इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
काश…रोटी की कीमत सिमको के अफसर समझ पाते

क्वार्टर में रहने वाली सुनीता ने प्रशासनिक अधिकारियों के सामने कहा कि वह पिछले चार दिन से चैन से सो भी नहीं पा रहे हैं। हकीकत यह है कि चार दिन से बच्चे भी बिस्किट व दूध से ही पेट भर रहे हैं। हमें क्वार्टरों के टूटने का डर बना रहता है। पति को अभी तक सिमको प्रबंधन की ओर से बकाया वेतन तक नहीं दिया गया है। पूरे दिन इंतजार करते हैं कि कहीं अगर जेसीबी आती है तो विरोध कर उन्हें भगा देंगे। इसलिए चार दिन से भोजन तक नहीं पका पा रहे हैं।
घायल होने के बाद कर्मचारी को ही नौकरी से निकाला

सिमको प्रबंधन से जुड़े विवाद के बीच हर दिन संवेदनहीनता के मामले भी सामने आ रहे हैं। एक और महिला ने आरोप लगाया है कि छह महीने पहले सिमको में बैरल से गिरकर उसका पति मनोज साही घायल हो गया। माधुरी देवी ने बताया कि उसे तुरंत ही नौकरी से हटा दिया गया। पिता के स्थान पर उसे नौकरी पर लगाया गया था। खाने तक को कुछ नहीं है। छह महीने से इलाज भी खुद करा रहे हैं। अब तक किसी ने उधार राशि देना तक बंद कर दिया है। काश यहां के प्रशासनिक अफसर, राजनेता और सिमको प्रबंधन समझ पाता तो इस दर्द की दवा मिल जाती।
निर्णय…सिमको बचाओ संघर्ष समिति देगी जांच के लिए ज्ञापन

सिमको बचाओ संघर्ष समिति की बैठक प्रेम गार्डन में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष गिरधारी तिवारी की अध्यक्षता में हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। पूर्व में एक ज्ञापन देकर मामले से अवगत कराया जाचुका है। अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। सिमको प्रबंधन की ओर से श्रमिकों के तोड़े जा रहे क्वार्टरों की कार्यवाही को रुकवाने एवं श्रमिकों के समझौते को प्रबंधन से कराने तथा सिमको की जमीन के दस्तावेजों एवं सिमको से टीटागढ़ में स्थानांतरण होने की प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। बैठक में कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति के संयोजक जगराम धाकड़, व्यापार महासंघ के जिला मंत्री नरेंद्र गोयल, नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंद्रजीत भारद्वाज भूरा, भाजपा के युवा नेता शिवराज तमरौली, गुर्जर महासभा के जिला अध्यक्ष श्रीराम चंदेला, श्रमिक नेता कृपाल सिंह, श्रमिक नेता अशोक जैन, रामशरण सिंह, रामवीर सिंह, लाखन पहलवान, संतोष चतुर्वेदी, रेनूदीप आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि सिमको प्रबंधन जिस प्रकार फैक्ट्री की जमीन को खुर्दबुर्द करना चाह रहा है यह कार्रवाई किसी भी कीमत पर नहीं होने दी जाएगी सभी वक्ताओं ने श्रमिकों के तोड़े जा रहे क्वार्टरों एवं नल-बिजली की सुविधा बंद करने, सड़क मार्ग को काटने की कार्यवाही का विरोध करते हुए रोष व्यक्त किया गया।

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