झोलाछापों पर विभागीय मेहरबानी गांव गुंडवा में बच्चों की मौत की बड़ी वजह झोलाछाप चिकित्सक द्वारा इलाज करना बताया जा रहा है, लेकिन विभाग के पास इनका इलाज नजर नहीं आ रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पीएचसी-सीएचसी पर पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में विभाग ने ऐसे झोलाछापों को इलाज की खुली छूट दे रखी है, जिससे विभागीय संसाधनों की कमियां उजागर नहीं हों, लेकिन यही छूट मरीजों की जान से खिलवाड़ करती नजर आ रही है, लेकिन विभाग की खामोशी टूटने का नाम नहीं ले रही है।
कहां मिले कितने मरीज ब्लॉक डेंगू चिकनगुनिया स्क्रब टायफस
बयाना 39 10 12
भुसावर 27 4 14
डीग 14 5 5
नगर 9 5 4
नदबई 24 6 15
कुम्हेर 28 4 3
कामां 6 2 3
रूपवास 29 5 5
सेवर 24 7 10
भरतपुर शहर 159 9 3
अन्य राज्य 30 4 0
बयाना 39 10 12
भुसावर 27 4 14
डीग 14 5 5
नगर 9 5 4
नदबई 24 6 15
कुम्हेर 28 4 3
कामां 6 2 3
रूपवास 29 5 5
सेवर 24 7 10
भरतपुर शहर 159 9 3
अन्य राज्य 30 4 0
(चिकित्सा विभाग का दावा है कि स्क्रब टायफस से मौत नदबई ब्लॉक में हुई। इस केस की सूचना स्थानीय स्तर पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर से मार्च 2021 में मिली।) इनका कहना है
जयपुर से आई रिपोर्ट में स्क्रब टायफस से एक मौत की सूचना मिली थी। वह पहले की है। अभी तक जिले में डेंगू से मौत की सूचना कन्फर्म नहीं है। मौत के अन्य दूसरे कारण भी हो सकते हैं।
– डॉ. मनीष चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भरतपुर