जानकारी के अनुसार रारह निवासी वीरेंद्र सिंह 9 जून 2004 में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। शहीद वीरेंद्र का सैनिक सम्मान के साथ रानी वाले बाग में दाह संस्कार हुआ था। करीब 17 साल बाद जब गांव रारह में शहीद स्थल रानी वाले बाग पर वीरांगना सुमन देवी एवं ग्रामीणों ने मूर्ति स्थापित के लिए पहुंचे। जिस पर शनिवार को विवाद हो गया। सरपंच कुसुम सिंह और उनके पति भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सिंह ने मौके पर पहुंच गए और बिना एनओजी और भूमि आवंटन को लेकर विरोध जताते हुए कार्य को रुकवाया। जिस पर शहीद के परिजन व सरपंच से विवाद हो गया। सूचना पर रारह चौकी प्रभारी दुलींचद मौके पर पहुंचे और समझाइश कर मामला शांत कराया। उधर, शहीद की प्रतिमा लगाने का कार्य रुक गया। हालांकि, प्लेटफार्म पर प्रतिमा रख दी थी। वहीं, मामले में सरपंच ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें बताया कि सूचना मिली कि कुछ लोग तड़के मिनी सचिवालय ग्राम पंचायत रारह की भूमि पर प्रतिमा लगा रहे हैं। पुलिस मौके पर पहुंची जिस पर कागजात दिखाए और कार्य बंद कराने के लिए कहा। आरोप है कि अतिक्रमणकारियों में रामदेई पत्नी स्व.रोशन सिंह, वीरांगना सुमन, फतेह सिंह पुत्र घंसी, सचिन पुत्र बहादुर सिंह,, लोकेन्द्र, बहादुर,, सोहन सिंह, हरिओम, नागेश, राजेन्द्र, अरुण, विनोद, बबलू, महेश आदि ने उसके और पति मोहन के साथ धक्का-मुक्की की और सरकारी कागजात फाड़ दिए। पति को जान से मारने की धमकी देने और सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। उधर, वीरांगना ने सरपंच व उनके पति पर दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया है।