भरतपुर

विरोधी गुट: मेयर चंडीगढ़ से कर रहे भरतपुर की तुलना, ये मजाक

-मेयर बोले: एक साल में सफाई व्यवस्था सुधारना ही पहला सपना

भरतपुरJul 30, 2021 / 02:34 pm

Meghshyam Parashar

विरोधी गुट: मेयर चंडीगढ़ से कर रहे भरतपुर की तुलना, ये मजाक

भरतपुर. शहर में नई सफाई को लेकर चल रही खींचतान अभी तक समाप्त नहीं हो सकी है। खंडेलवाल धर्मशाला में नगर निगम के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे पार्षदों ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाए। पार्षदों ने कहा कि मेयर अभिजीत कुमार की ओर से भरतपुर शहर में इंट्रीग्रेटेट सफाई व्यवस्था को जबरन लागू करने पर आमादा है। इसमें इस सफाई व्यवस्था का विरोध करने वाले पार्षदों के दल के अध्यक्ष हरभान सिंह ने कहा कि मेयर अपनी हठधर्मिता और निजी आर्थिक स्वार्थों के चलते निगम व आमजन पर बहुत बड़ा आर्थिक भार डालना चाह रहे हैं। क्योंकि जब यह मशीन से शहर की सफाई का प्रस्ताव संख्या 69 साधारण सभा की बैठक में सदन के सामने प्रस्तुत किया गया तो अधिकतर पार्षद इसके विरोध में थे क्योंकि इस तरह के प्रस्ताव को न तो पहले किसी पार्षद के संज्ञान लाकर इस व्यवस्था पर चर्चा की गई न ही किसी पार्षद ने इस तरह के प्रस्ताव की कल्पना की थी। मेयर ने न जाने किस दबाव से या अपने आर्थिक हितों के कारण बिना किसी सदस्य से पूछे भारी भरकम सफाई कार्य की डीपीआर बनवाकर सदन के समक्ष स्वीकृति के लिए रखी। सदन में उपस्थित पार्षदों में से लगभग 40से अधिक पार्षदों ने इस व्यवस्था का मुखर विरोध किया और एक हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सदन में मेयर के समक्ष पेश किया लेकिन वो इस पर अड़े रहे।, सदन में पार्षद इस प्रस्ताव पर मतदान करने के पक्ष में थे तब मेयर साहब ने इस प्रस्ताव को गिरता देख सदन में यह निर्णय कराया कि 21सदस्य पार्षदों की कमेटी गठितकर भरतपुर जैसे शहर में कोई कम्पनी इस तरह मशीनों से सफाई कर रही हो वहां का अवलोकन किया जावे। मेयर ने आजतक न तो वैधानिक कमेटी का गठन किया और न ही इस तरह की किसी यात्रा की राज्य सरकार से स्वीकृति प्राप्त की। मेयर साहब कुछ पार्षदों को लोभ लालच व झूठें आश्वासन देकर इस यात्रा को चंडीगढ़ जैसे सुनियोजित तरीके से बसे हुए शहर में लेकर गए जिसकी तुलना भरतपुर शहर से नहीं की जा सकती। मजेदार बात यह भी है कि इस यात्रा की न तो वैधानिक स्वीकृति ली गई और न ही इस यात्रा में उपयोग किए जाने वाले वाहन मोटर बस यान का कार्यादेश निगम की ओर से दिया गया। बैठक में राजेंद्र सिंह राजू, मनोज सिंह, श्याम सुंदर गौड़, नरेंद्र सिंह, दाऊदयाल शर्मा, दीपक मुदगल, वीरमती सिंह, रेनू गौरावर, शिवानी दायमा, सुमन प्रेमपाल, सुधा अनिल अनाह, रेखारानी, समंदर सिंह, शैलेश पाराशर, नरेश जाटव, भगवान सिंह, किशोर सैनी, सुरेंद्र सिंह, किरण राना, मनीषा चौहान, राकेश पठानिया, विमलेश, नीरज चौधरी, चंद्रकला आदि उपस्थित थे।
प्रदेश से बाहर की महिलाओं को भी मिले नौकरी में आरक्षण

भरतपुर. एससी-एसटी ओबीसी महासंघ महासंघ की प्रदेश बैठक बाबा दुर्लभनाथ के मन्दिर पुष्पवाटिका में रामचन्द्र सांखला की अध्यक्षता में हुई। इसमें सर्वप्रथम महासंघ के सदस्य कैलाश सारवान को मनोनीत पार्षद नियुक्त होने पर माला साफा पहना कर स्वागत किया गया। साथ ही मुकेश पिप्पल को राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेड़कर का जिलाध्यक्ष एवं महेन्द्र सिंह बावैन को महासचिव निर्वाचित होने पर सम्मानित किया गया। मुकेश बौद्ध को बामसेफ का जिलाध्यक्ष नियुक्त होने पर स्वागत किया गया। महासंघ की बैठक में एससी-एसटी ओबीसी की महिलाओं को जो राजस्थान से बाहर से शादी होकर आई हैं उन्हें वर्ग अनुसार राजस्थान में सरकारी नौकरी एवं राजनैतिक भागीदारी में आरक्षण दिया जाना चाहिए। इस पर विस्तार से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि इसमें आरक्षण को लागू किया जाए। जाति आधारित ओबीसी की जनगणना कराई जाए। भर्ती परीक्षा में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। भारतीय प्रशासनिक सेवा में बैक डोर से एन्ट्री बंद की जाए। महासंघ की ओर से सभी जिलों पर जिला कार्यकारिणी गठन का आश्वासन दिया गया है। इस मौके पर रामदयाल सैनी, रतीराम भारती, सूरज सिंह, रामगोपाल चौधरी, राजेन्द्र सिंह, पंकज सेन, रमेशचन्द वर्मा, शिवचरणलाल मधुकर, मुकेश पिप्पल, महेन्द्र सिंह, करतार सिंह, खूबचन्द नागर, कैलाश सारवान, श्यामलाल नैनिवाल आदि उपस्थित थे। प्रदेश अध्यक्ष रामगोपाल चौधरी ने आभार व्यक्त किया।

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