राजस्थान जन सांस्कृतिक परिषद की मासिक काव्य गोष्ठी भरतपुर. राजस्थान जन सांस्कृतिक परिषद की मासिक बैठक का आयोजन ज्ञान गंगा मदर्स स्कूल बजरंग नगर के प्रांगण में की गई। इसकी अध्यक्षता डॉ. सुरेश चतुर्वेदी ने की। मुख्य अतिथि नरेन्द्र निर्मल थे। विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र अनुरागी प्रान्तीय सचिव रहे।सरस्वती वंदना मृदुला गौड़ ने की। अमर सिंह विद्रोही ने ‘सच्चे दिल से कहीं पुकारो वह दिल की धड़कन सुनता है, राजेन्द्र अनुरागी ने ‘चल रे अब मस्त फकीरा, बिना रुके ही चलते जाना तुम्हें अकेला चलना होगा कहीं न पथ में रुक जाना, नरेन्द्र निर्मल ने ‘बेखुदी की राह में कतरा समुन्दर हो गया पी गया जो प्रेम प्याला वो कलन्दर हो गया, छीतर सिंह ने ‘अर्जुन समय को पहचान जंग में कौन तुम्हारे हैं, डॉ. सुरेश चतुर्वेदी ने ‘जला रहे रावण का पुतला क्या रावण मर जाता है घर घर रावण, घर घर लंका ऐसा उतर आता है, मृदुला गौड़ ने ‘मेरे देश में ये क्या हो रहा है क्यूं मजदूर किसान रो रहा है, रेणुदीप रुस्वा ने ‘फिर तो हर दिल का प्रीतम यही तिरंगा हो, नेकराम नेक ने ‘मर मर कर भी न मरा रावण मार-मार कर राम पके । गोष्ठी में चन्द्रभान फौजदार, अशोक जोशी, नगेन्द्र सक्सेना, संजय अग्रवाल आदि ने हिस्सा लिया। राजेन्द्र अनुरागी ने साझा काव्य संग्रह संकल्प के प्रकाशन पर प्रकाश डाला।