वहीं, गांवों की सड़कें चकाचक होने के साथ नालियों की भी नियमित साफ-सफाई होगी। सरकार ने ओडीएफ प्लस पंचायतों के गांवों को मॉडल बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। अभियान को लेकर सितंबर माह में ही ग्राम पंचायतों में टेंडर होंगे। वहीं बड़ी ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों से स्वच्छता शुल्क भी वसूला जाएगा अभियान को लेकर पंचायती राज विभाग के शासन सचिव ने सभी तैयारियों को लेकर वीसी में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायतों के पास स्वच्छता को लेकर अतिरिक्त बजट नहीं होने से ग्राम पंचायतें नियमित रूप से साफ सफाई नहीं करा पा रही थी। जिससे नालियां गंदगी से अटी रहती हैं तो जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते है।
कई गांवों की हालत तो यह है कि गांव में प्रवेश से पहले ही लोगों का सामना गंदगी से अटी नालियों, सडक़ों पर बिखरे गंदगी के मलबे से होता है। इसके लिए सरकार ने दो अक्टूबर से विशेष अभियान चलाकर नए सिरे और नए तरीके से गांवों को स्वच्छ रखने की कवायद शुरू की है।
प्रतिदिन घरों से संग्रहित होगा कचरा
स्वच्छता अभियान के तहत ग्राम स्वच्छता समिति की समय-समय पर बैठकें आयोजित करने के साथ ग्रामीणों को भी स्वच्छता के लिए जागरूक किया जाएगा। अभियान के शुरू होने के बाद गांवों में भी घर घर कचरा संग्रहण एवं गीले तथा सूखे कचरे का पृथक्कीकरण प्रतिदिन किया जाएगा। वहीं सड़क की सफाई सप्ताह में एक बार तथा नाली की सफाई माह में दो बार की जाएगी। यह भी पढ़ें
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ग्रामीणों एवं प्रतिष्ठानों से भी वसूला जाएगा स्वच्छता शुल्क
गांवों में परिवारों की संख्या, उत्पन्न कचरे, सड़कों एवं नालियों की लंबाई, सामुदायिक स्वच्छता परिसर का वार्डवार आंकलन इसी माह में किया जाएगा। वहीं दूसरे सप्ताह निविदा जारी की जाएगी चौथे सप्ताह निविदा प्रक्रिया पूरी कर कार्य आदेश जारी किए जाएंगे। राज्य स्तर से भी इस कार्य में एकरूपता के लिए मॉडल टेण्डर के प्रारूप तैयार किए जा रहे हैं। जिससे ग्राम पंचायतवार एवं पंचायत समितिवार निविदा की कार्रवाई की जाएगी। बड़ी ग्राम पंचायतों में काम की अधिकता को देखते हुए ग्रामीणों एवं प्रतिष्ठानों से भी स्वच्छता शुल्क वसूला जाएगा।