लगाए 2 बुलेटप्रूफ केबिन वहीं, प्वाइंट पर बजरी माफिया की ओर से होने वाली फायरिंग से बचाव के लिए २ बुलेटप्रूफ केबिन भी लगाए हैं। जिससे बजरी माफिया के लोगों की ओर से नाकाबंदी के दौरान होने वाली फायरिंग से बचाव के साथ मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके। इस केबिन की हाइट जवान के बराबर की होती है और उसमें ऊपर से वह देख सकता है और उसमें हथियार से फायर करने के लिए जगह दे रही है, जिससे निशाना साधा जा सके। बुलेटप्रूफ केबिन होने से तैनात पुलिसकर्मी बेखौफ होकर मुकाबला कर सकेगा।
बैरिकेट्स में टक्कर मार भाग जाते थे ट्रेक्टर चालक बॉर्डर के गांव घाटौली समेत अन्य जगहों पर अभी तक पुलिस की नाकाबंदी के दौरान बैरिकेट्स लगाए जाते हैं। जो फाइबर या लोहे के होते थे लेकिन इन्हें बजरी माफिया के लोग टक्कर मारते हुए नाकाबंदी से भाग निकलते थे। लेकिन अब इसका भी पुलिस ने तोड़ निकाल लिया है। हाइवे पर अंधाधुंध व तेज रफ्तार से दौडऩे वाले बजरी माफिया के वाहनों को रोकने के लिए घाटौली प्वाइंट पर नाके पर ४ सैंड स्टोन के ब्लॉक जिगजैग तरीके से लगाए गए हैं। जिससे अवैध बजरी व अवैध खनन का परिवाहन करने वाले माफिया को नाके पर रोका जा सके।
थाना प्रभारी पर कर चुके हैं जानलेवा हमला बजरी माफिया के लोग गत दिनों थाना प्रभारी हुकम सिंह पर नाकाबंदी के दौरान जानलेवा हमला कर चुके हैं। बजरी लदे एक ट्रेक्टर चालक ने सरकारी वाहन में टक्कर मारने का प्रयास किया, जहां पास में ही थाना प्रभारी उसे रोकने का इशारा दे रहे थे। इसी तरह रूपवास रोड पर ही नाकाबंदी के दौरान दो स्थानों पर अलग-अलग फायरिंग कर बजरी माफिया के लोग भाग निकले थे। वहीं, यूपी पुलिस पर भी जगनेर थाने के गांव सरैंधी के पास भी फायरिंग कर चुके हैं।