आठ दिन तक चलता रहा खेल आश्चर्य की बात यह है कि खनिज विभाग ने रसूख के दबाव में आठ दिन बाद भी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई। जबकि अवैध खनन सामग्री से भरे दोनों डंपरों को एफआइआर से दूर रखा गया, खाली डंपरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। इससे साफ है कि खुद खनिज विभाग पर ही खननमाफिया की सांठगांठ के चलते रसूख के दबाव का मामला सामने आ रहा है। क्योंकि जब विभाग को कार्रवाई ही नहीं करनी थी तो आखिर खानापूर्ति के नाम पर यह कार्रवाई का नाटक क्यों किया। ऐसे तमाम सवाल विभाग की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर रहे हैं।
-एमई व एएमई पत्र निकाला गया है। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। अवैध स्टोन क्रशरों के रिकॉर्ड को खंगाला जाएगा। क्रशरों के स्टॉक की जांच भी जाएगी। इसके लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।
प्रताप मीणा
एसएमई खनिज विभाग