आसानी से बिकने वाली बाइक होती है टारगेट जिले में सक्रिय वाहन चोर गैंग ऐसे वाहनों को अपना टारगेट बनाते हैं जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से बेचा जा सके। शहर से प्रतिदिन चोरी होने वाले दोपहिया वाहनों में सर्वाधिक बाइक एक कंपनी की होती है और इसके अलावा बुलेट व अन्य स्पोट्र्स बाइक भी चोरों के निशाने पर रहती है। वारदात को अंजाम देने के बाद वाहन चोर तुरंत ही दूसरे जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर कम कीमत पर बेच देते हैं।
मेवात: एक बाइक चुराने पर मिलते हैं दो से ढाई हजार रुपए मेवात में बाइक चुराने वाली गैंग का अभी अलग ही अंदाज है। यहां एक बाइक चोरी कर लाने पर चोर को गैंग की ओर से दो से ढाई हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके बाद या तो बाइक के पाट्र्स निकालकर बेच दिए जाते हैं या फिर बाइक अच्छी स्थिति में है तो उसके अनुसार रेट तय कर बाइक यूपी व हरियाणा इलाके में बेच दी जाती हैं।
केस नंबर एक: -24 मई 2021 को कोतवाली थाना पुलिस ने एक बाइक चोर को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि चुराई हुई बाइकों को वह 5-5 हजार रुपए में बेच देता था। आरोपी ने उद्योग नगर थाना क्षेत्र के गुनसारा गांव निवासी को चोरी की बाइक बेचने की बात कबूल की थी।
केस नंबर दो: -26 जून को अलवर के अरावली विहार थाना पुलिस ने तीन चोरों को गिरफ्तार कर 26 बाइक, एक मास्टर चाबी व एक नम्बर प्लेट बरामद की थी। आरोपियों ने पूछताछ में चोरी की बाइकें खरीद कर जिला भरतपुर के झांतली निवासी सप्पी और सीकरी निवासी पप्पी उर्फ तैयब को बेचना कबूल किया था। यहां यूपी में भी गैंग को बाइक बेचने की बात सामने आई थी।
केस नंबर तीन: चार फरवरी 2021 को उत्तरप्रदेश के इटावा पुलिस ने तीन अंतरर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के सदस्यों को तीन बाइक सहित पकड़ा था। पूछताछ के दौरान बदमाशों ने बताया कि बाइक भरतपुर राजस्थान से रोड किनारे से चुराई थी, जिसे वह चार-चार हजार रुपए में बेचने जा रहे थे। इनका नेटवर्क यूपी की गैंग से जुड़ा था।