मेयर बोले: भाजपा पार्षद मुझे बताएं प्रकरण, एसीबी से कराएंगे जांच इधर, नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार ने भी पलटवार करते हुए कहा कि मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया। भाजपा पार्षद मुझे बताएं ऐसे प्रकरण, वैसे जो प्रकरण संज्ञान में आए हैं उन पर मेरे स्तर पर कार्रवाई की गई है। मेरे संज्ञान में ऐसा प्रकरण लाएंगे तो निश्चित ही उसकी जांच कराई जाएगी। जिन पार्षद साथियों ने कभी भी कोई शिकायत की है उसको जांच के लिए आगे भेजा है। आवश्यकता होगी तो आगे एसीबी से जांच कराने के लिए भ्रष्टाचार के प्रकरण भेजे जाएंगे। मुझ पर झूठे आरोप लगाकर भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने का भाजपा का किया गया कृत्य है जो अपने समर्थित निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने के लिए जनता का ध्यान बांटने के लिए झूठे एवं बेबुनियाद आरोप मुझ पर लगाए गए हैं जो स्वीकार नहीं है। मेयर के लिए वाहन खरीदने का निर्णय पिछले भाजपा के बोर्ड की बजट बैठक 14 फरवरी 2019 को प्रस्ताव संख्या 153 पर खर्चा के मद संख्या 12 कार जीप सफारी आदि वाहन खरीदने के लिए 20 लाख का बजट स्वीकृत कराया गया था। उक्त स्वीकृत बजट की स्वीकृति के उपरांत राज्य सरकार ने वाहन खरीदने की नगर निगम को स्वीकृति प्रदान की गई थी। जो भाजपा पार्षद आरोप लगा रहे हैं उनकी ओर से ही बजट बैठक 10 फरवरी 2020 को प्रस्ताव संख्या 34 पर निगम के खर्चा के मद में नए वाहन खरीदने का बजट 25 लाख रुपए स्वीकृत किया था। निजी सचिव को वेतन स्वयं देता हूं। यह मेरा अधिकार है। भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलाने को तैयार हूं। मेयर हाउस नहीं होने के कारण 20 किमी दूर गांव से लगातार नगर निगम में भी आता रहता हूं। सभी पार्षदों को समानभाव से देखा है।
हर नए बोर्ड में खरीदी जाती है मेयर की नई गाड़ी पिछले जितने भी बोर्ड बने हैं, हरेक में मेयर के लिए नई गाड़ी खरीदी जाती रही हैं। बताते हैं कि नियम के अनुसार दो लाख किलोमीटर गाड़ी चलने के बाद उसे खटारा घोषित कर दिया जाता है। ऐसे में पूर्व शिवसिंह भोंट के समय में मेयर की गाड़ी करीब एक लाख 80 हजार किलोमीटर चली थी। इसलिए इस बार भी गाड़ी की खरीद कर ली गई।