टीचर के पक्ष में कोर्ट ने सुनाया फैसला
पूरा मामला यह है कि वर्ष 2018 में अध्यापक महेश कुमार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भरतपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या एक ने 86 लाख रुपए का भुगतान देने के आदेश शिक्षा विभाग को दिए थे। इसके खिलाफ शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022 में राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। वहां से याचिका खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई। उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखते हुए तीन महीने में महेश शर्मा को सभी लाभ, परिलाभ देने के आदेश दिए। यह भी पढ़ें