बुधवार सुबह पठानपाड़ा में रामकेश के घर पहुंचने पर मोहल्ले की तंग गलियों में मौत का सन्नाटा पसरा हुआ था। रामकेश के घर पहुंचने पर दूर से ही महिलाओं की चीख पुकार एवं विलाप की आवाज सुनाई दे रही थी। रामकेश के घर के आस-पास के घरों में भी मंगलवार शाम से बुधवार तक चूल्हा ही नहीं जला है। गमगीन माहौल में तीये की रस्म की गई, जिसमें रिश्तेदारों के आने का तांता लगा हुआ है। चारों मृतक छात्र बीएससी एग्रीकल्चर सेकंड वर्ष के स्टूडेंट थे।
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मां को अस्पताल में कराया भर्ती
अपने बेटे की दर्दनाक मौत के गम में रामकेश की मां बार बार बेसुध हो रही है। उसकी आंखों के आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार सुबह परिजनों ने उसे बयाना सीएचसी में भर्ती कराया है। रामकेश के दूर के रिश्तेदार शेरगढ़ निवासी रमेश कटारिया ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रामकेश के कॉलेज में प्रैक्टिकल चल रहे थे। इसीलिए वह अपने दो दोस्तों के साथ तीन दिन से रोजाना पैसेन्जर ट्रेन से कॉलेज जा रहा था। तीनों दोस्त बयाना से ट्रेन में बैठकर मथुरा के पास के रेलवे स्टेशन जाजनपट्टी पर उतर कर वहां से सड़क मार्ग द्वारा मगोर्रा स्थित कॉलेज में जाया करते थे। यह भी पढ़ें