भरतपुर

Bharatpur News: कृपाल जघीना के पिता की मौत, 3 दिन से मोर्चरी में रखा शव; परिवार के मुखाग्नि देने वाले सभी पुरुष जेल में बंद

Bharatpur Jaghina Murder: कुलदीप की हत्या के आरोप में कृपाल के भाई रविन्द्र सिंह और सत्यवीर सिंह सहित भतीजा पंकज और बेटा आदित्य जेल में हैं।

भरतपुरNov 25, 2024 / 01:02 pm

Alfiya Khan

भरतपुर। हिस्ट्रीशीटर रहे कृपाल जघीना के पिता की मौत हाल ही में बीमारी के बाद हो गई। उनका शव पिछले तीन दिन से आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। इसकी वजह यह है कि कृपाल की मौत के बाद कुलदीप जघीना की भी हत्या कर दी गई। इसका आरोप कृपाल के परिजनों पर है। इसके चलते वह जेल में बंद हैं। यही वजह है कि कृपाल के पिता का शव तीन दिन से अस्पताल की मोर्चरी में रखा है।
मुखाग्नि देने वालों के जेल में होने के कारण उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। जघीना गांव के कृपाल और कुलदीप की रंजिश के चलते हत्या हो गई थी। अब कृपाल के सभी परिजन कुलदीप की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। हाल ही में 22 नवंबर को कृपाल के पिता रामभरोसी सोगरवाल की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई। अब तीन दिन से उनका शव आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। इसकी वजह यह है कि उनका दाह संस्कार करने वाला घर पर कोई नहीं है। कृपाल की बेटी उपासना ने बताया कि उनके दादा रामभरोसी सोगरवाल (68) पिछले 22 अक्टूबर से बीमार थे। इसके बाद 22 नवंबर को शाम 7 बजे उनका निधन हो गया, लेकिन घर पर कोई दाह संस्कार करने वाला पुरुष नहीं है। ऐसे में उनका शव आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है।
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कुलदीप की हत्या के आरोप में कृपाल के भाई रविन्द्र सिंह और सत्यवीर सिंह सहित भतीजा पंकज और बेटा आदित्य जेल में हैं। घर में कृपाल की पत्नी एवं उनकी मां विमला देवी और चाची ही हैं। बाकी अन्य परिजन अजमेर जेल में बंद हैं। दादा के दाह संस्कार के लिए उन्होंने अजमेर जेल अधीक्षक और भरतपुर कलक्टर के यहां प्रार्थना पत्र लगाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिल सकी। अब वह सोमवार को कोर्ट खुलने पर प्रार्थना पत्र लगाएंगे। दादा की मौत के बाद कृपाल के घर पर आरएसी के जवान तैनात कर दिए हैं।
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घर पर तैनात किए पुलिसकर्मी

कृपाल की बेटी उपासना ने बताया कि उनके दादाजी के लंग्स में इन्फेक्शन था। इसके चलते पहले उन्हें आरबीएम में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें जयपुर ले जाया गया। हाल ही में वह आरबीएम के आईसीयू में भर्ती रहे थे। हाल ही में 22 नवबर को उन्होंने अंतिम सांस ली। उपासना ने बताया कि दादाजी की इच्छा थी कि वह एक बार सबको देख लें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब उनके अंतिम दर्शन कराने के लिए परिजनों को पुलिस कस्टडी में बुलाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को अब न्यायालय में इसके लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेंगे।

2022 में हुई थी हत्या

4 सितंबर 2022 को कृपाल जघीना सर्किट हाउस से अपने घर जा रहा था। इस दौरान कुलदीप और उसके साथियों ने गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने कुलदीप सहित उसके साथियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 12 जुलाई 2023 को कुलदीप और उसके साथी को रोडवेज बस से कोर्ट में पेशी पर लाया जा रहा था। इस दौरान कृपाल के साथियों ने आमोली टोल प्लाजा पर कुलदीप पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इससे कुलदीप की मौत हो गई थी।
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