मुखाग्नि देने वालों के जेल में होने के कारण उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। जघीना गांव के कृपाल और कुलदीप की रंजिश के चलते हत्या हो गई थी। अब कृपाल के सभी परिजन कुलदीप की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। हाल ही में 22 नवंबर को कृपाल के पिता रामभरोसी सोगरवाल की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई। अब तीन दिन से उनका शव आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। इसकी वजह यह है कि उनका दाह संस्कार करने वाला घर पर कोई नहीं है। कृपाल की बेटी उपासना ने बताया कि उनके दादा रामभरोसी सोगरवाल (68) पिछले 22 अक्टूबर से बीमार थे। इसके बाद 22 नवंबर को शाम 7 बजे उनका निधन हो गया, लेकिन घर पर कोई दाह संस्कार करने वाला पुरुष नहीं है। ऐसे में उनका शव आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है।
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कुलदीप की हत्या के आरोप में कृपाल के भाई रविन्द्र सिंह और सत्यवीर सिंह सहित भतीजा पंकज और बेटा आदित्य जेल में हैं। घर में कृपाल की पत्नी एवं उनकी मां विमला देवी और चाची ही हैं। बाकी अन्य परिजन अजमेर जेल में बंद हैं। दादा के दाह संस्कार के लिए उन्होंने अजमेर जेल अधीक्षक और भरतपुर कलक्टर के यहां प्रार्थना पत्र लगाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिल सकी। अब वह सोमवार को कोर्ट खुलने पर प्रार्थना पत्र लगाएंगे। दादा की मौत के बाद कृपाल के घर पर आरएसी के जवान तैनात कर दिए हैं। यह भी पढ़ें