इसके गठन के लिए भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 (Bharatpur Development Authority) लाया जाएगा। बीडीए बन जाने के बाद भरतपुर में यूआईटी खत्म हो जाएगी और शहर के विकास का सारा जिम्मा बीडीए ले लेगा। बीडीए में चेयरमैन नगरीय विकास मिनिस्टर होता है और प्राधिकरण की जिम्मेदारी आयुक्त की होती है, जो आईएएस होता है। विकास प्राधिकरण बन जाने के बाद भरतपुर के चारों ओर से 20-22 किलोमीटर का एरिया बीडीए में आ जाएगा, इसकी वजह से विकास को पंख लगेंगे। साथ ही लोगों को रोजगार के नए अवसर मुहैया होंगे।
शहर के बाहर के क्षेत्र बीडीए के तहत आ जाने से नए आवासीय और व्यापारिक क्षेत्रों का विकास होगा। अभी यूआईटी का बजट सिर्फ 200 करोड़ रुपए का है, लेकिन बीडीए बन जाने से तकरीबन एक हजार करोड़ रुपए का बजट भरतपुर को मिलने लगेगा। शहर के लोगों ने बीडीए की घोषणा का दिल खोल कर स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि बीडीए बन जाने से हमारा शहर स्मार्ट सिटी की ओर कदम बढाएगा। वहीं रोजगार के नए आयाम शुरू होंगे।
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कहां-कितना एरिया होगा शामिल
फिलहाल नगर सुधार न्यास में अब तक 53 गांव आ रहे थे, अब 209 गांव बीडीए बनने के बाद जुड़ जाएंगे। इससे काफी हद तक दायरा बढ जाएगा। मतलब यह है कि करीब 20-22 किलोमीटर का एरिया बीडीए का हो जाएगा। सारस से ऊंचा नगला, भरतपुर से बाबूला, उच्चैन वाले रोड पर सेवर से थोड़ा आगे तक, सौंख-गोवर्धन रोड पर स्थित टोंटपुर तक का एरिया बीडीए में शामिल होगा।सीएम की कोशिश ने बदली तस्वीर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शैलेष कौशिक ने बताया कि भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद माना जा रहा था कि भरतपुर विकास प्राधिकरण की घोषणा हो सकती है। क्योंकि अक्सर नगर सुधार न्यास व नगर निगम को बजट की कमी का सामना करना पड़ता है। फिलहाल नगर निगम की आर्थिक स्थिति सबसे खराब है। ऐसे में नगर सुधार न्यास भले ही आर्थिक रूप से भरपाई कर लेती है, लेकिन बड़े कामों के लिए बजट की कमी रहती है। अब सीएम की कोशिश के कारण भरतपुर विकास प्राधिकरण का सपना पूरा होने से विकास में पिछड़े गांव और कॉलोनियों का विकास हो सकेगा।
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