भरतपुर

राजस्थान की MLA ऋतु बनावत का Deepfake वीडियो वायरल, इस तरह पहचानें डीपफेक को

राजस्थान की बयाना विधानसभा सीट से निर्दलीय महिला विधायक डॉ. ऋतु बनावत साइबर क्राइम की शिकार हो गई। ऋतु बनावत साइबर का डीपफेक वीडियो वायकल होने के बाद लोग सोच रहे हैं कि आखिर डीपफेक का मतलब क्या है? जानिए

भरतपुरJan 17, 2024 / 12:41 pm

Santosh Trivedi

भरतपुर। राजस्थान की बयाना विधानसभा सीट से निर्दलीय महिला विधायक डॉ. ऋतु बनावत साइबर क्राइम की शिकार हो गई। ऋतु बनावत का डीपफेक वीडियो वायकल होने के बाद लोग सोच रहे हैं कि आखिर डीपफेक का मतलब क्या है? जानिए क्या है डीपफेक

दरअसल बयाना विधायक ऋतु बनावत का डीपफेक वीडियो कुछ दिनों से वायरल हो रहा था। और तो और वीडियो में उनका नाम और फोटो भी जोड़ दिए गए। विधायक बनावत ने कहा कि फेक वीडियो के माध्यम से उनकी राजनीतिक और सामाजिक छवि को धूमिल किए जाने का प्रयास किया गया है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद विधायक के पास दनादन फोन आने लगे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत एसपी से की। विधायक की एसपी से शिकायत के बाद बयाना में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पत्र लिखकर कड़ी कार्यवाही की मांग की। जिसके बाद देवनानी ने तुरंत इस मामले को संज्ञान में लेते हुए भरतपुर आईजी से बात कर 23 जानवरी तक रिर्पोट भेजने के निर्देश दिए हैं।

– डीपफेक वीडियो आखिर है क्या
चेहरा और आवाज आपकी लेकिन पर्दे के पीछे कोई और। डीपफेक वीडियो का सीधा मतलब है- एडिटिंग के माध्यम से एक वाडियो में किसी दूसरे के चेहरे को लगाना। डीपफेक वीडियो में आसानी से पहचानना मुश्किल है कि क्या यह सच में वहीं इंसान है या कोई और, लेकिन फिर भी हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिसकी मदद से आप डीपफेक वीडियो को आसानी से पहचान सकें।

एआई (artificial intelligence) की मशीन लर्निंग का प्रयोग कर इसे बनाया जाता है। एआई की मदद से किसी डेटा में से अलग-अलग पैटर्न निकाल लिए जाते हैं, डेटा यानि किसी शख्स का फेस, उसकी स्पीच और हाव-भाव आदि फिर दूसरे वीडियो में लगा दिए जाते हैं। इस कृत्रिम वीडियो को डीपफेक कहते हैं।

– डीपफेक वीडियो को कैसे पहचानें


1. बैकग्राउंड और फॉरग्राउंड चेक

डीपफेक वीडियो में बैकग्राउंड और फॉरग्राउंड मर्ज होते हुए दिखाई देते हैं। अगर ऐसा कुछ दिखाई दे तो समझ जाएं कि यह असली वीडियो नहीं बल्कि डीपफेक है।


2.आईज चेक

डीपफेक वीडियो में आंखों का मूवमेंट सामान्य से अलग होता है, आंखों के मूवमेंट का पैटर्न ऑरिजनल से काफी अलग होता है।

3. गूगल की ले सकते हैं हेल्प
गूगल पर आपको कई डीपफेक डिडेक्टर टूल मिलेंगे जिसकी हेल्प आप ले सकते हैं। आपको गूगल पर सर्च करना है- बेस्ट डीपफेक डिटेक्टर टूल।

कुछ टूल्स इस प्रकार हैं-
Deepfake detector
Deepfakesweb
Truebees
Brainwashd
DebunkD
Free AI detector
Realfake etc.

4. रिवर्स इमेज सर्च
सब्जेक्ट का स्क्रीनसॉट लेकर गूगल लेंस पर सर्च करें। अगर गूगल पर इससे मिलता-जुलता कोई इमेज होगा तो आप आसानी से जान सकेंगे कि यह डीपफेक वीडियो है या नहीं।

5. फेशियल हेयर चेक
डीपफेक वीडियो के फेशियल हेयर स्मूद होंगे या मूछ, दाढ़ी नकली लगेगी। यह सामान्य से बिल्कुल अलग दिखते हैं।

6. डीपफेक वीडियो क्यों बनाया जा रहा है
डीपफेक वीडियो बनाने के पीछे दो कारण होते हैं- उसकी छवि को खराब करने के मकसद से किसी का डीपफेक वीडियो बनाया जाता है या फिर आम जन को भ्रमित करने के उद्देश्य से। लेकिन ऐसा नहीं है कि डीपफेक वीडियो के सिर्फ नकारात्मक उपयोग ही हैं।

– डीपफेक कैसे फायदेमंद है
चेहरा और आवाज आपकी लेकिन पर्दे के पीछे कोई और। डीपफेक तकनीक का उपयोग फिल्मों और चीवी सीरियल में भी किया जाता है, उदाहरण के लिए- barbie मूवी का ट्रेलर जब पहली बार इंडिया में लांच हुआ तो “द इंडियन बार्बी” नाम से इसका डीपफेक ट्रेलर वायरल हो रहा था जिसमें कंगना रनौत और ऋतिक रौशन नजर आ रहे थे। इसमें केन की जगह ऋतिक के फेस को लगा दिया गया था और बार्बी की जगह कंगना रनौत को। देखते ही देखते यह ट्रेलर वायरल भी हो गया।

कुल मिलाकर बात इतनी है कि डीफफेक वीडियो को पहचानना मुश्किल तो है लेकिन हमने आपको इस वीडियो में जो टिप्स बताएं हैं उसका उपयोग कर आप डीपफेस वीडियो के नुकसान से बच सकते हैं।

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