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भरतपुर

Rajasthan : गोली नहीं, बोली से पहचान बना रहा यह ‘दरोगा’, ठेठ देशी अंदाज से देश-दुनिया में बढ़ाया जिले का नाम

Success Story : भरतपुर के कुहेर के पूंठ (धनवाड़ा) निवासी भानूप्रताप अपने मूल नाम से ज्यादा गप्पू दरोगा के नाम से फेमस है। देशी अंदाज की बदौलत उसे सोशल मीडिया पर लाखों व्यूअर हैं। गप्पू दरोगा वर्तमान में शहर के संजय में रहते हैं।

भरतपुरApr 25, 2024 / 04:44 pm

Kamlesh Sharma

Bhanu Pratap Became Gappu Daroga
भरतपुर। बदन पर खाकी। रौबीला अंदाज और गोली के दम पर पहचान पहचान बनाने वाले दरोगा तो सहज मिल जाएंगे, लेकिन अपनी बोली के दम पर लोगों को दीवाना बनाने वाला ‘दरोगा’ विरला ही होगा। भरतपुर के एक युवा ने अपनी पहचान इसी नाम की बदौलत देश-दुनिया में बनाई है। ठेठ देशी अंदाज में ब्रज की बोली में पंच लाइन उसे खास बनाती हैं। हम बात कर रहे हैं यूट्यूब और फेसबुक पर वीडियो और रील बनाने वाले भानू प्रताप सिंह उर्फ गप्पू दरोगा की।
कुहेर के पूंठ (धनवाड़ा) निवासी भानूप्रताप अपने मूल नाम से ज्यादा गप्पू दरोगा के नाम से फेमस है। देशी अंदाज की बदौलत उसे सोशल मीडिया पर लाखों व्यूअर हैं। गप्पू दरोगा वर्तमान में शहर के संजय में रहते हैं। उनके पिता बीएसएफ से रिटायर्ड हैं। तीन भाइयों में भानूप्रताप मझले हैं। सोशल मीडिया पर कॉमेडी कर वीडियो बनाने वाले गप्पू बॉलीवुड के राजपाल यादव और गोविंद को अपना आदर्श मानते हैं। भानूप्रताप के यूट्यूब पर दरोगा गप्पू यूट्यूब एवं फेसबुक पर भरतपुर का लाडला गप्पू दरोगा भानू के नाम से वियात है।

ऐसे हुई शुरुआत

भानू उर्फ गप्पू बताते हैं शुरू से ही इस तरह के हंसी-मजाक की आदत थी। यह सफर कॉलेज के दिनों से शुरू हुआ। शुरुआत में किसी दूसरे चैनल में किया। यहां से नाम तो मिला, लेकिन दाम नहीं मिले। इस बीच हरियाणा की एक वीडियो देखी, जो बेहद अच्छी लगी। यहीं यह सोच पैदा हुई कि वह कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं। इसके बाद कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में भानू ने खुद के दम पर यूट्यूब पर एंट्री मारी। यह सफर इतना आसान नहीं था, लेकिन लोगों का स्नेह इतना मिला कि अब व्यूअर लाखों में पहुंच गए। सो आमदनी भी अच्छी हो गई। भानू की टीम में ऑन कैमरा पांच लोग हैं। इनमें एक एयरफोर्स का जवान, एक शिक्षक, एक सैनिक एवं एक बिजनेसमैन है। गप्पू दरोगा अपनी शूटिंग संडे को करते हैं। भानू की टीम में 12 लोग शामिल हैं। भानू बताते हैं कि अच्छे व्यूअर मिलने पर दो लाख रुपए प्रतिमाह तक की इनकम हो जाती है।

बच्चों पर नहीं थोपें अपनी इच्छा

भानू एमएससी कर चुके हैं और पढ़ाई में भी होशियार हैं, लेकिन अब वह इस तरह का काम करके खुश हैं। भानू कहते हैं कि अभिभावक बच्चों पर अपनी इच्छा नहीं थोपें। बच्चों को वह काम करने दें, जिसमें उनका मन रमता है। जरूरी नहीं है कि हर बच्चा नौकरी करे। उसे स्वतंत्रता दें तो वह अपने मनमाफिक काम से नाम और पैसा दोनों कमा सकता है।

खुद ने रखा गप्पू नाम

भानू बताते हैं कि प्रसिद्धि के लिए नाम भी फनी होना चाहिए था। सो गप्पू दरोगा नाम मैंने खुद ने रखा। इसकी शुरुआत को लेकर भानू बताते हैं कि एक दिन शूटिंग में एक जने को पुलिस का रोल अदा करना था, लेकिन यह रोल उसे ही मिलना था, जिसके पास वर्दी हो। मेरे दादाजी पुलिस में थे, सो उनकी वर्दी पहनकर मैंने शूटिंग की। इसके बाद इस रोल ने मुझे प्रसिद्धि दी। इसके बाद मैंने इसे हमेशा के लिए अपना लिया। भानू कहते हैं कि कोई भी काम करो तो शर्म और झिझक नहीं होनी चाहिए। उसमें अपना बेस्ट देना चाहिए। मैं नेकर पहनकर शूटिंग करता हूं।

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