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भरतपुर

सावधान…एटीएम ना फोन-पे, फिर भी खाते से निकले 6 लाख

दिल्ली बाइपास चैराहा स्थित पीएनबी बैंक में 23 सितबर को मकान निर्माण के लिए 50 हजार रुपए की नगदी निकलवाने के लिए पहुंचा था।

भरतपुरSep 26, 2024 / 01:58 pm

Santosh Trivedi

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सावधान… अगर आपका बैंक खाता है और इसमें मोटी रकम जमा है तो आपको सावधानी बरतनी होगी। क्योंकि डीग जिले में पहला ऐसा केस सामने आया है कि जब पीड़ित के पास फोन-पे है ना एटीएम, ना ऑनलाइन बैंकिंग सुविधा, फिर भी उसके खाते से छह लाख की रकम तीन ट्रांजेक्शन में ठगोरों के खाते में पहुंच गई। पीड़ित थाने पहुंचा तो उसे टरका दिया गया। इसका खामियाजा यह हुआ कि अभी तक ठगी के इस केस में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
थाने के गांव बझेरा निवासी एफपीएस डीलर मुकेश चंद पुत्र कमल सिंह ठाकुर ने कामां थाने में दी गई दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि कस्बा के दिल्ली बाइपास चैराहा स्थित पीएनबी बैंक में 23 सितबर को मकान निर्माण के लिए 50 हजार रुपए की नगदी निकलवाने के लिए पहुंचा था। जहां उसने अपने चेक के माध्यम से 50 हजार रुपए की नगदी निकाली तो उसके फोन पर मैसेज आया कि आपके बैंक खाते में मात्र 52 हजार 494 रुपए शेष है। इस मैसेज को देखकर पीड़ित मुकेशचंद हैरान हो गया और उसने बैंक प्रबंधक सुनील चौधरी से कहा कि मेरे खाते में सात लाख रुपए होना बताया। इस पर बैंक प्रबंधक ने उसके खाते को चेक किया तो मुकेश चंद के खाते से दो बार में 2.50 लाख, 2.50लाख रूपए तथा दो बार में 50-50 हजार रूपए कुल 6 लाख रूपए कोलकत्ता अल्ताफ हुसैन नाम के व्यक्ति के खाते में ट्रांजेक्शन होना बताया। पीड़ित ने बैंक प्रबंधक को बताया कि ना तो मेरे पर पास एटीएम है और नाही मेरे खाते से फोन पे चलाता हूं। इसको लेकर पीड़ित ने कामां थाने में मामला दर्ज कराया है।
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ठगी में अपना रहे नए-नए ट्रेंड

डिजिटल अरेस्ट: बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ ही साइबर ठगों ने लूट के भी नए-नए ट्रेंड इजाद कर लिए। इसमें एनसीबी, इनकम टैक्स, सीबीआइ और पुलिस का डर दिखाकर घर बैठे ही डिजिटल अरेस्ट का नया हथकंडा है। फर्जी अधिकारी बन ड्रग्स तस्करी व मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में फंसाते हैं। फोन कर पीड़ित से कहते हैं कि तुहारी आइडी से विदेश भेजे पार्सल में ड्रग्स व अवैध रकम बरामद हुई है। जांच में सहयोग नहीं करोगे तो स्थानीय पुलिस 10 मिनट में घर से ले जाएगी। जांच के नाम पर पीड़ित के अकाउंट का सारा पैसा अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते हैं।
-इनवेस्टमेंट, नौकरी देने से लेकर नए-नए ऑफर, बिजली बिल पे नहीं करने, ऑनलाइन खरीदी के दौरान बैंक की जानकारी लेकर, घर बैठे ऑनलाइन जॉब जिसमें शुरुआत में छोटी रकम डलवा कर उसमें प्रॉफिट देकर भरोसा जीतते हैं। इसके बाद बड़ी रकम में बड़े मुनाफे का झांसा देकर लाखों-करोड़ों रुपए की ठगी कर गायब हो जाते हैं। इस तरह के जिले में दर्जन भर मामले सामने आ चुके हैं।
बच्चों को मुसीबत में बता फ्रॉड: हाल में सबसे बढ़ा हथकण्डा बदमाशों का बच्चों को मुसीबत में बता ठगी करने का है। घर से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों के घर में फोन कर अभिभावकों को झांसा देते हैं कि वे पुलिस से बोल रहे हैं आपका बेटा बलात्कार या गंभीर अपराध में फंस गया है या आपकी बेटी होटल में किसी लडक़े के साथ पकड़ी गई है। अभिभावकों को बदनामी का डर दिखा मामला रफा-दफा करने का झांसा देकर मोटी रकम ठग लेते हैं।
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एसएचओ बोले ड्यूटी ऑफिसर से बात करो…

इस प्रकरण में कामां पुलिस की घोर लापरवाही का मामला भी सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि 23 सितंबर को जब मैंने पैसे निकाले तब मेरे पास पैसे कटने का मैसेज आ गया, लेकिन जब मेरे साथ फ्रॉड हुआ, तब मेरे पास कोई मैसेज नहीं आया। इसमें बैंक की गलती है। जब मैं फ्रॉड की एफआइआर दर्ज कराने के लिए कामां थाने गया तो मेरी एफआइआर नहीं ली। मैं दो दिन से कामां थाने के चक्कर लगाता रहा। बैंक प्रशासन एफआइआर की कॉपी मांगता रहा। जब कामां एसएचओ मनीष शर्मा से मिला तो उन्होंने कहा कि ड्यूटी ऑफिसर से बात करो। डीओ ने कहा कि मेरे पास समय नहीं है। कल या परसों आने की कहते रहे।

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