डॉक्टर बेचना चाहता था 70 लाख रुपए में पैतृक मकान डॉ. सुदीप गुप्ता का अटलबंध इलाके में पैतृक मकान है, निजी हॉस्पिटल व उसके ऊपर आवास बनाने से पहले वह पैतृक मकान में ही परिवार सहित रहते थे। पिछले कुछ माह से वह प्रोपर्टी डीलरों के संपर्क में थे और उस मकान को बेचने की योजना बना रहे थे। इसके लिए उन्होंने प्रोपर्टी डीलरों से करीब 70 लाख रुपए की डिमांड की थी। हालांकि डील तय नहीं हुई थी, परंतु एक प्रोपर्टी डीलर ने 50 लाख रुपए देने की बात कही थी। आगामी 10 दिन के अंदर उस मकान का सौदा तय होने वाला था। इस मकान को बेचकर आने वाली रकम दूसरे पक्ष को तारीख के हिसाब से दिया जाना था।
विश्वास नहीं था जो रकम मांग रहा वो ऐसा करेगा डॉक्टर के ही परिचित ने बताया कि अनुज गुर्जर बहन व भांजे की मौत के बाद से ही बदला लेने की धमकी दे रहा था। जैसे ही केस को सुलझाने व रकम देने की बात होने लगी तो उसका गुस्सा भी शांत हो गया था। ऐसे में उसने धमकी देना भी बंद कर दिया था। पहले एक मुश्त रकम देने की बात हुई थी। इसके बाद गवाही की तारीख के हिसाब से रकम देना तय हुआ तो विवाद होने लगा। जो कि डॉक्टर दंपती की मौत का कारण बन गया।
तीन दिन से रैकी, मां व बड़ा भाई गए थे बाहर पुलिस ने घटना के बाद मुख्य आरोपी अनुज के घर दबिश दी थी तो वहां ताला लगा हुआ था। जहां पता चला था कि उसका बड़ा भाई व मां दो-चार दिन पहले ही कहीं बाहर गए हुए थे। यहां बुध की हाट में उसकी बहन रहती है। बहन से भी अभी तक पुलिस पूछताछ कर रही है। चूंकि अनुज व महेश की भागने में मदद किसने की है, यह बात अब भी पहेली बनी हुई है। करीबियों ने बताया कि करीब तीन-चार दिन से अनुज रैकी भी कर रहा था।
करीब दो घंटे चला पोस्टमार्टम, कराई वीडियोग्राफी डॉ. दंपती के शवों का करीब दो घंटे तक पोस्टमार्टम कार्रवाई चली। क्योंकि सीमा गुप्ता के गले में एक गोली फंस गई थी। अगर डॉक्टरों की मानें तो डॉ. सुदीप गुप्ता के सिर में तीन गोली, सीमा गुप्ता के पेट, हाथ व गले में तीन गोली लगी थी। इस तरह कुल सात फायर किए जाने की पुष्टि हो रही है। जबकि पुलिस का दावा है कि गाड़ी के अंदर कुल पांच फायर हुए थे और बाहर एक हवाई फायर किया गया था। इसलिए अभी डॉक्टरों की टीम वीडियो देखकर कुल गोलियां कितनी-किसे लगी, यह जानने की कोशिश कर रही है।
अपराध बढऩे के सिर्फ ये पांच कारण 1. पुलिस व प्रशासन पर राजनेताओं का दबाव ज्यादा है। 2. राजनेता तबादला नीति में खुद का ध्यान ज्यादा रखते हैं। 3. युवा पुलिस अधिकारियों की कमी लंबे समय से खल रही है।
4. पिछले पुलिस अधिकारियों की दबंग कार्यशैली से राजनेताओं का कार्य प्रभावित होता है। 5. अवैध कारोबार पर लगाम कसने से रोकने के लिए हां में कहां मिलाने वाले अफसर ज्यादा पसंद है।