भरतपुर

सांसों को घोंटने पर आमादा प्रशासन

-कलक्टर साहब…क्लिंकर की लोडिंग-अनलोडिंग से 90 प्रतिशत लोग हुए बीमार-पिछले छह महीने से हो रहा आंदोलन, अब डॉक्टरों की जांच में भी सामने आया सच-टीम जांच करने पहुंची तो लगाया त्रिपाल

भरतपुरJul 06, 2021 / 02:35 pm

Meghshyam Parashar

सांसों को घोंटने पर आमादा प्रशासन

भरतपुर. शहर के रेल यार्ड में पिछले काफी समय से हो रही क्लिंकर लोडिंग व अनलोडिंग अब जान का खतरा बन गई है। बड़ी संख्या में लोग चर्म रोग, नेत्र रोग व श्वसन रोग के सामने आए हैं। रेलवे यार्ड के आसपास की करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हजारों लोग इसके शिकार हुए हैं। इस पूरे मामले को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हस्तक्षेप करते हुए स्थानीय प्रशासन से पूरे मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। बताते हैं कि फिलहाल क्लिंकर लोडिंग अनलोडिंग पर रोक लगी हुई है। क्योंकि यह मामला एनजीटी में पहुंच चुका है। इससे पहले इस कार्य पर लगी रोक हटाने की तैयारी हो चुकी थी, परंतु आंदोलन होने के कारण प्रशासन भी बैकफुट पर आ गया। उल्लेखनीय है कि रेलवे यार्ड में लंबे समय से खाली किए जा रहे क्लिंकर की वजह से करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के हजारों लोग प्रभावित हैं। इनमें अग्रसेन नगर, शास्त्री नगर, रूंधिया नगर, अनुराग नगर, श्याम नगर और रणजीत नगर कॉलोनी के लोग चपेट में है। लोगों ने क्लिंकर के प्रदूषण से परेशान होकर कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने क्लिंकर के लोडिंग अनलोडिंग कार्य पर कुछ माह पूर्व रोक लगा दी। इसके बाद अब एनजीटी के आदेश पर यहां के प्रदूषण स्तर की जांच कराई जा रही है।
जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देने और प्रदर्शन करने के बाद अब एनजीटी ने क्लिंकर से फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चिकित्सा विभाग के एक चिकित्सक की टीम गठित की गई है। यह टीम क्लिंकर से पहले, क्लिंकर खाली होने के दौरान और क्लिंकर खाली होने के बाद फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच कर रही है। सोमवार को डॉ. उदित चौधरी ने कॉलोनीवासियों के स्वास्थ्य जांच की। डॉ. चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य जांच के दौरान सामने आया कि क्षेत्र के करीब 90 प्रतिशत लोग क्लिंकर की वजह से तमाम बीमारियों की चपेट में है। क्षेत्र के करीब 80 फीसदी लोग नेत्र रोग, 70 फीसदी लोग चर्म रोग 60 फीसदी लोग श्वसन संबंधी व अस्थमा की चपेट में हैं। एडीएम केके गोयल ने बताया कि फिलहाल एनजीटी के आदेश पर क्लिंकर लोडिंग अनलोडिंग वाले स्थान का प्रदूषण स्तर जांचा जा रहा है। इसकी रिपोर्ट एनजीटी में प्रस्तुत की जाएगी। सात जुलाई को एनजीटी में सुनवाई है।
रिपोर्ट: पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान

जांच कर रहे कुछ अधिकारियों ने बताया कि क्लिंकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। क्लिंकर सूखा और गीला दोनों तरीके से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान कर रहा है। यदि सूखा क्लिंकर फेफड़ों में पहुंच जाता है तो वह फेफड़ों में जमा हो जाता है। इससे अस्थमा और श्वसन संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। यदि क्लिंकर शरीर पर जमा हो जाता है और उसे पानी से धोते हैं तो इससे वह क्षारीय होकर चमड़ी को जला देता है। इतना ही नहीं क्लिंकर की वजह से वनस्पतियों पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।
जहां भी प्लांट लगाया, वहां से भगाया

बताते हैं कि रेलवे यार्ड में यह प्लांट 23 फरवरी 2020 से चालू किया गया। आंदोलन के बाद बढ़ते विरोध को देखते हुए तत्कालीन जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने 28 फरवरी 2021 को रोक लगा दी। अब आंदोलन कर रहे लोगों का तर्क है कि एक गिरोह इस प्लांट से जुड़े ठेके आदि लेना चाहता है। वह इस प्लांट को चालू कराने की कोशिश में है। ऐसे में एनजीटी में मामला पहुंचा दिया है। इससे पहले यह प्लांट हिंडौन सिटी में था और उसके बाद अलीगढ़ में संचालित किया गया। वहां भी ऐसी स्थिति सामने आने के बाद प्रशासन ने बंदा करा दिया और इन्हें वहां से भागना पड़ा।

हकीकत जाननी है, सुनिए इनकी पीड़ा

-क्लिंकर लोडिंग व अनलोडिंग से कई कॉलोनी प्रभावित है। प्रशासन की ओर से जांच कराने के लिए टीम भेजी गई तो संबंधित ठेकेदार या कंपनी ने चारों ओर त्रिपाल लगा दिया। अगर जांच होगी तो सच सामने ही नहीं आएगा। यह त्रिपाल कितने दिन लगा रहेगा। यह प्लांट यहां से हटाना चाहिए।
सत्यभान, अधिवक्ता रूंधिया नगर

-सांस लेने में काफी समस्या हो रही है। सांस का इलाज चल रहा है। हमारे बच्चे बीमार हैं। अगर प्रशासन की ओर से इसे अन्य जगह स्थानांतरण नहीं किया गया तो हम आंदोलन करेंगे।
कृष्ण मुरारी, रूंधिया नगर

-क्लिंकर लगने के बाद दमा एवं सांस की बीमारी हो गई है। शीघ्र यहां से हटाया नहीं गया तो आंदोलन करेंगे। यह हमारी आगे आने वाली पीढ़ी के लिए भी नुकसानदायक है।
विद्यासागर, माल गोदाम रोड

-जब से क्लिंकर शुरू हुआ है तब से सांस की बीमारी है। कई बार चिकित्सकों को दिखा लिया लेकिन काफी समस्या हो रही है।

शंकर, रूंधिया नगर


-क्लिंकर प्लांट से चर्म रोग हो गया है। प्रशासन को जल्द से जल्द यहां से हटाना चाहिए।
तेज सिंह, रूंधिया नगर

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