Q. कोरोना काल में जिंदगी बचाने को क्या जतन हैं? जवाब: किसी भी गंभीर मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी। हमारे पास वर्तमान के लिहाज से पर्याप्त संसाधन हैं। एक मरीज को हर रोज डेढ़ सिलेंडर की ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जिसे हम सहज पूरी कर रहे हैं। भविष्य के लिए बेहतर इंतजामात किए हैं।
Q. दूसरी लहर से निबटने को क्या पुख्ता प्रबंध हैं? जवाब: वैक्सीनेशन के लिहाज से भरतपुर की स्थिति बेहद अच्छी है। हमें डिमांड के हिसाब से वैक्सीन मिल भी रही है। पर्याप्त दवा एवं बेड़ों की व्यवस्था की जा रही है। आरबीएम अस्पताल में वर्तमान बेड़ों की संख्या के लिहाज से दोगुने बेड़ों की व्यवस्था करने की कवायद शुरू कर दी गई है। यह बेड करीब 300 तक किए जा रहे हैं।
Q. क्या खास योजना है कोविड-19 से निपटने को? जवाब: शहरी क्षेत्र में बीएलओ और सुपरवाइजर के नंबर चस्पा कराए हैं। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण नजर आएं तो कोई भी व्यक्ति कंट्रोल रूम पर सूचना कर दे। यदि परिजन नहीं बताएं तो पड़ोसी की सूचना पर भी मेडिकल टीम पहुंचेगी। इसका फायदा यह होगा कि संबंधित पीडि़त को वहीं उपचार मिल जाएगा। इसके नतीजे अच्छे आ रहे हैं। जिले में हर रोज कोई 500 ऐसी सूचनाएं हमें मिल रही हैं। ग्रामीण स्तर पर भी वार्ड पंच, अध्यापक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से वार्ड समिति बनाकर इस पर काम किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं।
Q. ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों की व्यवस्थाएं लचर हैं, क्या कहना चाहेंगे? जवाब: मैंने आरबीएम अस्पताल का जायजा ले लिया है। रफ्ता-रफ्ता व्यवस्था देखी जा रही हैं। मौके पर ही खामियों को दुरुस्त कराया जा रहा है। हम सावचेत होकर कार्य कर रहे हैं, इससे हर परिस्थिति से निपटा जा सके। हर विधानसभा क्षेत्र में विधायक कोटे से मिलने वाली राशि का उपयोग भी इस कोरोना काल में मेेडिकल के लिए कराने के प्रयास किए जा रहे हैं
Q. जिले राजनीतिक परिस्थितियां कतई विभिन्न हैं। कैसे सामंजस्य बिठाएंगे? जवाब: मेरी मंशा है कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक जरूरतमंद को मिले। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों के साथ सामंजस्य से काम करते हुए जरूरतमंदों को लाभ दिलाया जाएगा। भौतिक लिहाज से भी जिले को जल्द समझने का जतन किया जाएगा।
Q. क्या दिनचर्या बदली है? जवाब: हर दिन फोन कॉल्स की भरमार है। इसकी शुरुआत सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है और रात्रि करीब 11 बजे तक यह प्रक्रिया अनवरत रूप से जारी रहती है। खास बात यह है कि अब शनिवार-रविवार नहीं होकर हर दिन अब वर्किंग डे है।