भरतपुर

25 लाख अनफिट वाहन… सडक़ों पर मौत बनकर दौड़ रहे

-नहीं हो रही कार्रवाई: जिले में चल रहे ऐसे 2 लाख वाहन

भरतपुरJan 10, 2025 / 07:28 pm

Meghshyam Parashar

राजस्थान में सडक़ों पर दौड़ रहे लाखों अनफिट जनता के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं। राज्य सरकार की अनदेखी और प्रशासनिक ढिलाई के कारण इन वाहनों पर न तो कार्रवाई हो रही है और न ही इनके रजिस्ट्रेशन रद्द किए जा रहे हैं। यह स्थिति न केवल यातायात व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि सडक़ दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह भी बन रही है।
आंकड़ों की बात करें तो राज्य में कुल 25 लाख 15 हजार 245 अनफिट वाहन सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। इनमें परिवहन सेवाओं में लगे 7 लाख 94 हजार 262 वाहन और गैर-परिवहन श्रेणी के 16 लाख 99 हजार 983 वाहन शामिल हैं। इसके अलावा 30 हजार 545 वाहनों की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) रद्द की जा चुकी हैं और 20 हजार 236 वाहनों की आरसी लौटाई जा चुकी हैं। भरतपुर जिले की स्थिति भी कम चिंताजनक नहीं है। यहां करीब 2 लाख वाहन डि-रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त 2 हजार 317 परिवहन वाहनों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है। जिले में 127 वाहनों की आरसी रद्द की गई है और 814 वाहनों की आरसी सस्पेंड की गई है। वहीं 106 गैर-परिवहन वाहनों की आरसी रद्द हो चुकी है। राजस्थान में हर साल हजारों लोगों की मौत सडक़ हादसों में हो रही है। इनमें से अधिकांश हादसे खराब सडक़ों, ओवरलोड वाहनों और अनफिट गाडिय़ों के कारण होते हैं। राज्य में इन अनफिट वाहनों पर कार्रवाई का अभाव चिंताजनक है। न तो इनके रजिस्ट्रेशन रद्द किए जा रहे हैं और न ही इन्हें सडक़ों से हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जयपुर के पास हाल ही में हुए एक दर्दनाक हादसे में एक अनफिट बस के जलने से कई लोगों की जान चली गई। इसके बावजूद, प्रशासन के स्तर पर सख्ती नहीं दिख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन वाहनों को सडक़ों से हटाया जाए तो दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।
भरतपुर में वाहन रजिस्ट्रेशन के आंकड़े

8 जनवरी 2015 से 7 जनवरी 2025 तक जिले में 14 हजार 528 परिवहन वाहन रजिस्टर्ड हुए। वहीं जनवरी 2010 से जनवरी 2025 तक 3 लाख 45 हजार 450 गैर-परिवहन वाहन पंजीकृत हुए हैं। एनसीआर क्षेत्र में शामिल होने के बाद यहां बड़ी संख्या में वाहन डि-रजिस्टर्ड भी हुए हैं।
कैसे होते हैं वाहन अनफिट

वाहनों को अनफिट घोषित करने के कई कारण हो सकते हैं, जो उनकी तकनीकी और संरचनात्मक स्थिति से जुड़े होते हैं। बता दें, परिवहन वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट आवश्यक होता है। यह प्रमाण पत्र वाहन की ब्रेक, स्टीयरिंग, सस्पेंशन, इंजन और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की जांच के बाद जारी किया जाता है। यदि वाहन इन मानकों पर खरा नहीं उतरताए है तो उसे अनफिट घोषित कर दिया जाता है। वहीं 15 से 20 साल पुराने वाहन, जिनकी संरचना कमजोर हो चुकी होती है, अनफिट हो जाते हैं। इसके अलावा अत्यधिक धुआं छोडऩे वाले वाहन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के कारण अनफिट की श्रेणी में आ जाते हैं तथा जिन वाहनों की मरम्मत पूरी तरह से नहीं हो पाती, उन्हें भी अनफिट माना जाता है।
अनफिट वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है

फिटनेस जांच को सख्त किया गया है, अनफिट वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने और इन्हें जब्त करने की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। साथ ही वाहन मालिकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि वे समय पर अपने वाहनों का रख-रखाव कर सकें।
मथुरा प्रसाद मीना, आरटीओ

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