डेढ़ घंटे बाद जाकर खुली बोर्ड की वेबसाइट परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद विद्यार्थियों को बोर्ड की वेबसाइट के हैंग होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। बताते हैं कि साइट पर एक साथ अत्यधिक भार पडऩे के कारण वह हैंग हो गई। ऐसे में करीब साढ़े पांच बजे के बाद साइट खुल सकी। तब जाकर विद्यार्थियों को राहत मिल सकी। हालांकि अन्य साइटों पर परिणाम आ गया था, परंतु बोर्ड की साइट पर बार-बार हैंग होने के कारण परेशानी आती रही।
इस साल छह दिन की देरी से आया परिणाम इस साल कोरोना संक्रमण के कारण 10वीं की परीक्षाएं नहीं हुई थी। ऐसे में प्रमोट किया गया था। 2020 में परिणाम 24 जुलाई को आया था। वर्ष 2019 में परिणाम तीन जून को आया था, वर्ष 2018 में 11 जून को घोषित किया गया था। इस बार 30 जुलाई को आया है।
14 साल के परिणाम पर एक नजर वर्ष परिणाम
2008 68.10
2009 71.00
2010 73.00
2011 76.00
2012 64.00
2013 69.00
2014 67.00
2015 79.00
2016 77.84
2017 80.43
2018 78.77
2019 78.82
2020 78.44
2021 99.76 प्रवेशिका: कभी 64 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ा, इस बार शत प्रतिशत
2008 68.10
2009 71.00
2010 73.00
2011 76.00
2012 64.00
2013 69.00
2014 67.00
2015 79.00
2016 77.84
2017 80.43
2018 78.77
2019 78.82
2020 78.44
2021 99.76 प्रवेशिका: कभी 64 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ा, इस बार शत प्रतिशत
भरतपुर. इस बार प्रवेशिका के परिणाम ने भी इतिहास रचा है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो कभी भी परिणाम 64 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रहा। आधे बच्चे भी पास नहीं हो पाते हैं। इस बार प्रमोट करने के नियम के तहत परिणाम शत प्रतिशत रहा है। 462 में से 205 छात्र व 257 छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं। 2018 में प्रवेशिका का परिणाम 63.75 प्रतिशत था, जो कि 2017 में 55.31 प्रतिशत, 2016 में 43.21 प्रतिशत व 2019 में 56.91 प्रतिशत व 2020 में 45.58 प्रतिशत रहा था। इस बार परिणाम शत प्रतिशत रहा। खास बात यह है कि पिछले 10 सालों से प्रवेशिका में जो ट्रेंड चल रहा है, वह आज भी बरकरार है। क्योंकि इस बार भी छात्रों से ज्यादा छात्राओं ने प्रवेशिका परीक्षा दी थी।
वरिष्ठ उपाध्याय: हर साल परिणाम में गिरावट, इस बार बंपर भरतपुर. वरिष्ठ उपाध्याय का परिणाम भले ज्यादातर हर साल गिरता रहा है, लेकिन इस बार परिणाम शत प्रतिशत रहा है। इस बार कुल 193 में से 111 छात्र व 82 छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं। इससे पहले 2018 में 10.74 प्रतिशत का इजाफा कर चार साल का रिकॉर्ड तोड़ा था। जिले का परिणाम वर्ष 2014 में 92, वर्ष 2015 में 82.04, वर्ष 2016 में 74.21, वर्ष 2017 में 86.11, वर्ष 2018 में 96.85, 2019 में 80.97 प्रतिशत, 2020 में 90.91 प्रतिशत और इस बार शत प्रतिशत रहा है।