भदोही जिलाधिकारी न्यायालय ने विधायक के खिलाफ दर्ज 23 आपराधिक मामलों को देखते हुए उनके लाइसेंसी असलहों को लेकर कार्रवाई की है। इसमें विधायक के नाम से जारी पिस्टल और रायफल, बेटे विष्णु मिश्रा के नाम की रायफल और रिवाल्वर व एमएलसी रामलली मिश्रा के नाम पर जारी रायफल, रिवाल्वर और डीबीबीएल गन का लाइसेंस लिरस्त कर दिया। हालांकि आदेश के तामील होने के एक महीने के अंदर वह कोर्ट में पक्ष रखने की छूट दी गई है। बता दें कि बीते एक सितंबर को भदोही के पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने गोपीगंज एसओ की रिपोर्ट के आधार पर विधायक परिवार के असलहों के लाइसें को निरस्त करने की संस्तुति की थी।
विजय मिश्रा पर भी योगी सरकार बाहुबली मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की तर्ज पर लगातार कार्रवाई कर रही है। एक के बाद एक लगातार उनपर मुकदमे हो रहे हैं। टोल प्लाजा से जुड़े औराई के कारोबारी को फोन पर धमकी और रंगदारी के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इलाहाबाद में उनका मकान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी हुई। रिश्तेदार का मकान और फर्म हथियाने समेत आरोपों में विधायक उनके बेटे और पत्नी पर मुकदमा दर्ज हुआ तो विजय मिश्रा को पुलिस मध्य प्रदेश से पकड़कर लाई और जेल में डाल दिया। पत्नी और बेटे दोनों को कोर्ट ने भगोड़ा करार दे दिया। हालांकि हाईकोर्ट से पत्नी को राहत मिली और अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई, लेकिन बेटे विष्णु मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
सरकारी जमीन कब्जा करने के मामले में तहसीलदार कोर्ट ने जमीन को कब्जे से मुक्त कराने का आदेश दिया है। विधायक उनके बेटे और एक अन्य पर गायिका से दुष्कर्म समेत आरोपों में गोपीगंज में मुकदमा दर्ज किया गया। महिला ग्राम प्रधान के लेटर पैड के दुरुपयोग को लेकर भी मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा विधायक के परिवार और रिश्तेदारों के नाम से आवंटित जिला पंचायत की 20 दुकानें भी निरस्त कर दी गई हैं।
विजय मिश्रा को लेकर जहां पुलिस प्रशासन उनपर शिकंजा कसती नजर आ रही है, वहीं बेटे विष्णु मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर कोई खास प्रगति नहीं दिख रही है। वह लगातार फरार चल रहा है। कहा जाता है कि विजय मिश्रा के पूरे कारोबार को विष्णु मिश्रा ही संभालते हैं।
By Mahesh Jaiswal