बात 2017 विधानसभा चुनाव की है जब तीन बार से लगातार ज्ञानपुर सीट से विधायक बन रहे समाजवादी पार्टी के विधायक विजय मिश्रा का टिकट अखिलेश यादव ने काट दिया था। इसके बाद पार्टी से बगावत करते हुए विजय मिश्रा ने निषाद पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। चुनाव प्रचार में वह सिर्फ और सिर्फ अखिलेश यादव पर हमलावर रहे। भाजपा ने विजय मिश्रा के खिलाफ महेंद्र बिन्द को मैदान में उतारा था। अंतिम चरण के चुनाव के दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी की अपनी आखिरी रैली ज्ञानपुर विधानसभा के इंटर कालेज मैदान में की थी।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था कि अखिलेश-मायावती यूपी का भला नही कर सकते। इस बार हाथी पर मुख्तार-अफजाल सवार होकर आएं हैं। दूसरी तरफ आजम हैं अतीक हैं आप कहाँ जाओगे भदोही वालों। एक ओर कआं है, एक ओर खाई। मित्रों भाजपा के झंडे तले आ जाओ यहां गुंडों की कोई जगह नहीं है। यहां से भी एक भाया सूरमा निषाद पार्टी से लड़ रहे हैं। कहते हैं कि मुझे जीता दो मैं भाजपा में चला जाऊंगा। मैं आपको बता देना चाहता हूं कि 11 मार्च को भाजपा की सरकार बनने के बाद ऐसे गुंडों की जगह जेल के तहखाने में होगी। भाजपा में गुंडों के लिए कोई जगह नही है।
अमित शाह के इस रैली के बावजूद भी विजय मिश्रा 20 हजार वोटों से भाजपा प्रत्याशी को हरा कर चौथी बार विधायक के बन गए। विजय मिश्रा की पत्नी मिर्जापुर-सोनभद्र से विधान परिषद सदस्य हैं। उन्होंने सपा के टिकट पर लड़कर बसपा के बाहुबली विनीत सिंह को हराया था। वर्तमान में एक व्यापारी को धमकी देने के मामले में गुंडा एक्ट की करीवाई और रिशरेदार के द्वारा मकान और फर्म कब्जा करने के शिकायत पर पुलिस ने विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। उनकी गिरफ्तारी की कोशिशें हो ही रही थीं कि इसी दौरान उज्जैन के महाकालेश्वर मंदरि में दर्शन करने गए विधायक को यूपी पुलिस के अनुरोध पर मध्य प्रदेश पुलिस ने आगर मालवा जिले से हिरासत में ले लिया। यूपी पुलिस उन्हें लेने पहुंची। इसी दौरान पत्रकारों से बात करते हुए विधायक ने विनीत सिंह, विधायक सुशील सिंह, सांसद वीरेंद्र सिंह का नाम लेते हुए कहा कि यूपी में एक वर्ग का शासन होने के चलते उन्हें बर्बाद करने की शाजिश रची गयी है। योगी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एक वर्ग की यह यूपी सरकार केंद्र सरकार को कमजोर कर रही है।
By Mahesh Jaiswal