कृषि अनुसंधान केंद्र के गन्ना वैज्ञानिक आस्का टोप्पो का मानना है कि उद्योग लगने से गन्ने का उत्पादन भी बढ़ेगा। वे बताते हैं कि यहां की जलवायु और खेतों की मिट्टी गन्ना के लिए उपयुक्त है। हमने आधा दर्जन से अधिक वैरायटी विकसित की हैं। तमिलनाडू से नई वैरायटी भी ला रहे हैं। गन्ने की खेती लाभ का धंधा है।
यह भी पढ़ें: सोमवार को स्कूली वाहनों के ड्राइवरों की छुट्टी, बंद रहेंगी बसें और वैन गुड़ उत्पादक और इलाके के उत्कृष्ट किसान जयराम गायकवाड़ बघोली बताते हैं कि बैतूल में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी होने से गन्ने का रकबा बढ़ रहा है। इसकी खेती अधिक होने से गुड़ उद्योग को ऊंचाई मिलेगी। किसानों को गुड़ के भी अच्छे दाम मिलेंगे। किसानों के लिए नया बाजार भी तैयार होगा। जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
बघोली के मुताबिक बैतूल जिले का गुड़ लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसमें मिठास भी अधिक होती है। यही वजह है कि जिले के गुड़ की मांग पूरे देश में है। किसान शुगर मिल में गन्ना बेच देते हैं। उद्योग लगेंगे तो किसान गुड़ बनाकर बेचेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
बैतूल में गुड़ बनाने का काम पूरे जिलेभर में किया जाता है। इसमें उत्तरप्रदेश से आने वाले सहित जिले के किसान भी गुड़ बनाने का काम करते हैं। लगभग 300 लोग बाहर से आकर गुड़ बनाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक तीन हजार किसान गुड़ बनाने का काम करते हैं।
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बैतूल में प्रति वर्ष 25 हजार मीट्रिक टन गुड़ का उत्पादन होता है। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में करीब 22000 हेक्टेयर में गन्ना का उत्पादन होता है। करीब 20000 किसान इसका उत्पादन करते हैं। अधिकांश गन्ना जिले में ही संचालित पांच शुगर फैक्टरियों में भी दिया जाता है। यहां लगभग 15 प्रतिशत किसान गुड़ बनाते हैं।
बैतूल में प्रति वर्ष 25 हजार मीट्रिक टन गुड़ का उत्पादन होता है। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में करीब 22000 हेक्टेयर में गन्ना का उत्पादन होता है। करीब 20000 किसान इसका उत्पादन करते हैं। अधिकांश गन्ना जिले में ही संचालित पांच शुगर फैक्टरियों में भी दिया जाता है। यहां लगभग 15 प्रतिशत किसान गुड़ बनाते हैं।
क्लस्टर बनाने की चल रही तैयारी
जिले में गुड़ का अधिक उत्पादन होने से शासन स्तर से गुड़ क्लस्टर बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 20 एकड़ जमीन ग्राम उड़दन में अधिकृत की गई है। बताया जा रहा है कि यहां पर गन्ना उत्पादक किसानों को समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। किसान यहां पर गन्ना लाकर गुड़ बना सकेंगे। इसमें किसानों को लागत भी कम आएगी। गन्ने से अधिक मात्रा में रस भी निकाल सकेंगे। गुड़ से बनने वाले अन्य उत्पाद लड्डू, चिक्की पाउडर सहित अन्य चीज बनाने के लिए भी किसानों को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
जिले में गुड़ का अधिक उत्पादन होने से शासन स्तर से गुड़ क्लस्टर बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 20 एकड़ जमीन ग्राम उड़दन में अधिकृत की गई है। बताया जा रहा है कि यहां पर गन्ना उत्पादक किसानों को समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। किसान यहां पर गन्ना लाकर गुड़ बना सकेंगे। इसमें किसानों को लागत भी कम आएगी। गन्ने से अधिक मात्रा में रस भी निकाल सकेंगे। गुड़ से बनने वाले अन्य उत्पाद लड्डू, चिक्की पाउडर सहित अन्य चीज बनाने के लिए भी किसानों को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
यह है बैतूल जिले के गुड़ की खासियत
जिले के गुड़ की खास बात है कि यह रवेदार होता है। यहां के गन्ने में मिठास ज्यादा होती है। इस वजह से भी बैतूल का गुड़ प्रसिद्ध है। देशभर में इसकी मांग रहती है। यूपी में भी यहीं से बहुतायत से गुड़ भेजा जाता है। वहीं मुरैना में गजक के लिए बैतूल से ही गुड़ भेजा जाता है।
जिले के गुड़ की खास बात है कि यह रवेदार होता है। यहां के गन्ने में मिठास ज्यादा होती है। इस वजह से भी बैतूल का गुड़ प्रसिद्ध है। देशभर में इसकी मांग रहती है। यूपी में भी यहीं से बहुतायत से गुड़ भेजा जाता है। वहीं मुरैना में गजक के लिए बैतूल से ही गुड़ भेजा जाता है।