हनुमान चालीसा की पंक्तियों में कितनी शक्ति है, इसका अनुभव बैतूल के टिकारी इलाके में स्थित दक्षिण मुखी सिद्ध हनुमान दरबार में होता है। करीब 200 साल पहले एक जमीदार द्वारा मंदिर की स्थापना की गई थी। इसके बाद से ही मंदिर में पवन पुत्र हनुमान मंदिर में बैतूल जिले के लोगों की गहरी आस्था है. एक स्थानीय जमींदार द्वारा स्थापित इस हनुमान मंदिर में दो सदियों से लगातार हनुमान भक्तों की आस्था बनी है। सप्ताह में शनिवार और मंगलवार के दिन तो यहां भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। यहां स्थापित प्रतिमा की खासियत ये है कि यहां हनुमान जी दाएं हाथ में संजीवनी पर्वत को उठाए दिखते हैं जो अति शुभ माना गया है।
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शनि देव से शुरु होती है दर्शन व्यवस्था
इस मंदिर के साथ एक दुर्लभ संयोग भी जुड़ा है, जो काफी विरला है। मंदिर के मुख्य द्वार के सामने एक शमी का वृक्ष है। माना जाता है कि शमी के वृक्ष में भगवान शनि का वास होता है। इसलिए सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं, तब हनुमान जी के प्रथम दर्शन भगवान शनि करते हैं। ऐसा माना जाता है कि, यहां हनुमान जी के दर्शन करने मात्र से लोग भगवान शनि के प्रकोप तक खत्म हो जाता है।