बैतूल जिले में रातभर गरज-चमक के साथ तेज बारिश शुरू हुई। बारिश की रफ्तार का अंदाजा इस बाज से लगाया जा सकता था कि सामने कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। बुधवार रात शुरू हुई बारिश का दौर गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक चला। बारिश की वजह से नदी नाले उफान आ गए। शहर होकर गुजरने वाली माचना नदी उफान पर आ गई। बारिश के फायदे के साथ ही पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से बैतूल और आमला में लोगों के घरों में पानी भर गया। वही चंद्रभागा नदी में बाढ़ होने ये यह मार्ग बंद रहा।
माथनी में बाढ़ में फंसे ग्रामीण
ग्राम माथनी में सरपंच पद पर आगे रहे तुलसीराम पारधे ने बताया कि गांव के ही पास माचना नदी के टापू पर दो लोग फंस गए हैं। टापू के दोनों ओर से पानी बह रहा है। बाढ़ में फंसे लोग नदी में टापू पर मवेशी चराने गए थे। इसमें गांव के ही रतनलाल भुसारे और अन्य एक गांव का व्यक्ति है। पारधे ने बताया दोनों शाम छह बजे से लगभग एक से डेढ़ घंटे से फंसे हुए हैं।
पुल के ऊपर से बहा पानी
आमला. मानसून की पहली बारिश में ही ब्लाक के नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। गुरुवार सुबह नगर में हुई झमाझम बारिश से चन्द्रभागा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है,इससे बंधा रेलवे बांध सहित ऊपर से होकर बह रहा है। इधर बेल नदी उफान पर आने की वजह से ब्लाक मुख्यालय से 10 किमी दूर चंद्रभागा नदी का आवागमन बंद हो गया। जैसे ही जलस्तर कम हुआ तो रास्ता खुल गया। इधर थाना प्रभारी सन्तोष पन्द्रे ने बताया कि भी चन्द्रभागा नदी,नाहिया डैम ,रेलवे बांध, सहित अन्य जगह निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे, सुरक्षा के इंतजाम कराए गए है। वही वार्ड क्रमांक 09-10 के अलावा वार्ड क्रमांक 17 बोडखी बस्ती के एक दर्जन घरों में बारिश का पानी घुस गया है लोगों का कहना है कि पानी की निकासी नहीं होने कारण बरसात का पानी घर में घुसने लगा है। नालियां जाम है इस कारण बारिश का पानी सीधे घर में घुस रहा है। नपा को जब इसकी जानकारी लगी तो अमले ने पानी निकासी की व्यवस्था की।सीएमओ नीरज श्रीवास्तव से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि बारिश होने से कहीं-कहीं पानी निकासी नहीं हो रही थी। नगर पालिका के सफाई अमले को भेजकर व्यवस्था बनाई गई है जहां से भी शिकायत आ रही है तत्काल ही पानी निकासी की व्यवस्था की जा रही है।
बस में सवार थे 15 यात्री
सारनी. गुरुवार दोपहर तक करीब 15 घंटे लगातार हुई बारिश से सभी नदी नाले उफान पर रहे। इसी बीच तवा नदी पर बने नांदिया घाट रपटे पर यात्री बस फंस गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया बस रोज की तरह सुबह 8 बजे नांदिया घाट पहुंची थी। लेकिन रात में हुई बारिश के चलते रपटे पर बनाया गया एप्रोच रोड बह जाने से गड्ढे में बस फंस गई। बस फंसते ही यात्रियों ने खिडक़ी से कूदकर जान बचाई है। बस में लगभग 15 यात्री सवार थे। बस को निकालने संचालक मोहनलाल असाटी ने काफी कोशिश की गई। लेकिन बस नहीं निकल पाई। इसी बीच सतपुड़ा डेम का अचानक सुबह 8.15 बजे पहला गेट खोल दिया गया। इससे नदी में और बाढ़ आ गई। बाढ़ आने पर बस का अगला हिस्सा टायर सहित पानी में डूब गया। बस को पानी में बहता देख चालक, परिचालक ने बस को रस्सी से लोहे बांध दिया गया। यह सूझबूझ इतनी काम आई कि 7 गेट 1-1 फीट की ऊंचाई पर खुलने पर तेज बहाव के बावजूद बस बहने से बच गई। तवा नदी के नांदिया घाट रपटे पर यात्री बस फंसने की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली वैसे ही प्रशासन हरकत में आया और दोपहर करीब 2.45 बजे सतपुड़ा जलाशय प्रबंधन से संपर्क कर गेट बंद कराए गए। इसके बाद जब नांदिया घाट रपटे पर बाढ़ का पानी उतरा तो बस चालक, परिचालक ने दो ट्रैक्टरों की मदद से गड्ढे में फंसी बस को निकाला गया।