तत्कालीन बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम की धोखाधड़ी की शिकायत विनय ओझा ने ही की थी। जिसके बाद बैंक के उच्च अधिकारियों ने इस मामले में एफआइआर कराई थी। जमानत मिलने के बाद मीडिया बातचीत में नमन ओझा और उनके पिता ने साफ कहा कि, गबन और धोखाधड़ी से उनका कोई नाता नहीं है।
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में इस तारीख से फिर शुरु हो रही है प्री मानसून एक्टिविटी, यहां इंटर होने वाला है मानसून!
इस तरह हुआ था गबन का खुलासा
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि, धोखाधड़ी का तो उन्हें तब पता चला, जब एक किसान के दो केसीसी खातों में से एक में रविवार के दिन भी कोर बैंकिंग के जरिए लेनदेन हुआ। मामला जैसे ही उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत ही आला अफसरों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने तत्कालीन मैनेजर पर उनके आईडी पासवर्ड चोरी करने और धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए हैं।
विनय ओझा ने किसानों को दी थी दोकाधड़ी की सूचना- वकील
इस मौके पर नमन ने कहा कि, मीडिया पूरी पारदर्शिता के साथ इस प्रकरण को पेश करे। इसमें कुछ भी नहीं है। उनके पिता पर आरोप कुछ भी नहीं थे। उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा था। नमन के पिता के वकील अंशुल गर्ग ने इस दौरान कहा कि, विनय ओझा जब छुट्टी पर होते थे, तब अभिषेक गबन किया करता था। इसकी शिकायत विनय ओझा ने 2013 में ही कर दी थी। जिसपर संज्ञान लेकर ही जांच शुरू की गई थी। विनय ओझा ने ही किसानों को फोन कर इस धोखाधड़ी के संबंध में बताया था। उनका कहना है कि, इस हिसाब से उन्हें तो फरियादी होना था, लेकिन उन्हीं को आरोपी बनाकर पेश किया जा रहा है। वे इस मामले के विशिल ब्लोअर है।
क्या आप सफेद हो रहे बालों से परेशान हैं? करें ये उपाय