आपको बता दें कि, 70 वर्षीय बुजुर्ग तिलक चंद धाकड़ बैतूल जिले की मुलताई तहसील के अंतर्गत आने वाले ताइखेड़ा गांव के रहने वाले हैं। वे अभी जीवित हैं और दूसरों के खेत में मेहनत-मजदूरी करके गुजर-बसर करते हैं। तिलक चंद हकीकत में तो जीवित हैं, लेकिन सरकारी हिसाब से 16 साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। उनके रिश्तेदारों ने उन्हें ऐसा धोखा दिया जिसकी सजा वो आज तक भुगत रहे हैं। दरअसल, रिश्तेदारों की तिलक की 8 एकड़ जमीन पर नजर थी। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ करके बुजुर्ग के मृत होन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिये और उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बुजुर्ग की जमीन हड़प ली।
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4 साल पहले लगी जानकारी
पीड़ित तिलक चंद के अनुसार उन्हें चार साल पहले ही पता चला था कि, कागजों पर वो मर चुके हैं। तब से अबतक वो और उनका बेटा विजय इंसाफ की तलाश में दर दर भटक रहे हैं। बेटे विजय कुमार धाकड़ का कहना है कि, पिछले चार साल से हम लोग तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक के चक्कर काट चुके हैं। लेकिन, हर बार उन्हें आश्वासन दे दिया जाता है। हर बार अधिकारी मुख्यालय से तहसील और तहसील से मुख्यालय को उनका केस थमा देते हैं।
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