यह भी पढ़ें: CG Suspended: शराबी शिक्षक निलंबित, नशे में आता था स्कूल टीम ने इस मामले में शाला के प्रधान पाठक, सभी शिक्षकों, रसोइया व सफाई कर्मचारी से बयान लिया। मौखिक व लिखित बयान दर्ज करने के बाद पीड़िता से भी आवश्यक सबूत मांगे गए, जिसे उसने पेश किया। साक्ष्यों के आधार पर टीम ने अपना जांच प्रतिवेदन डीईओ को सौंपा, जिस पर संभागीय संयुक्त कार्यालय शिक्षा संभाग ने कार्रवाई करते हुए शिक्षक यशपाल सिंह राजपूत को निलंबित कर दिया। उसका मुख्यालय र्छुईखदान नियत किया गया। निलंबन अवधि में उसे शासकीय जीवन निर्वाह के अनुसार भत्ता प्रदान किया जाएगा।
शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेरला के एक शिक्षक पर शिक्षिका को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किये जाने, शाला में अकेले में परेशान करने, सबके बीच में गलत बातें करने, घर में रहने पर बार-बार कॉल व मैसेज करने के मामले में संभागीय संयुक्त कार्यालय शिक्षा संभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया है। शिक्षिका की शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा ने तीन सदस्यीय विभागीय उत्पीड़न जांच समिति का गठन किया था।
पीड़िता ने दस्तावेज, वीडियो, वॉइस चैट किए प्रस्तुत
जांच समिति के सम्मुख पीड़िता ने आवश्यक दस्तावेज, वीडियो, वॉइस चैट आदि प्रस्तुत किए, जिसमें मामले की हकीकत बयां हो रही थी। आरोप सही पाए जाने की पुष्टि होने पर जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा ने अपना अभिमत सहित संभागीय संयुक्त कार्यालय शिक्षा संभाग दुर्ग को भेजा। मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग ने शिक्षक यशपाल सिंह राजपूत को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय छुईखदान जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नियत किया है। पीड़िता ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ आरोप लगाया था कि शिक्षक अपनी राजनीतिक पहुंच का हवाला देते हुए पूरे स्टाफ को यहां-वहां ट्रांसफर, व्यवस्था करा देने की धमकी देता था। यशपाल सिंह राजपूत ने शाला की अध्यापन समय-सारिणी में 4 बार परिर्वतन कर इस प्रकार से बनाया कि पीड़िता व खुद एक साथ ज्यादा समय ऑफिस में रह सकें। स्टाफ के विरोध के बावजूद ऑफिस को बड़े बरामदे से हटाकर बरामदे के एक तिहाई जैसे छोटे कमरे में लगाया।
बिना किसी कारण के अनावश्यक रूप से चिल्लाना, शाला में प्रधान पाठक, डीडीओ प्राचार्य के रहते खुद शिक्षिका का सीआर लिखने व सीआर में गलत टिप्पणी करने की धमकी देता कि तुम्हारा सीआर मैं लिखूंगा और ऐसा लिखूंगा कि कहीं नौकरी करने के लायक नहीं रहोगी। शिक्षिका को प्रभावित करने के लिए शिक्षिका का एक वर्ष पूर्ण नहीं होने पर भी उत्कृष्ट शिक्षक के लिए स्वयं अकेले ही चयन कर पुरस्कार प्रदान कराया था।
बिना किसी कारण के अनावश्यक रूप से चिल्लाना, शाला में प्रधान पाठक, डीडीओ प्राचार्य के रहते खुद शिक्षिका का सीआर लिखने व सीआर में गलत टिप्पणी करने की धमकी देता कि तुम्हारा सीआर मैं लिखूंगा और ऐसा लिखूंगा कि कहीं नौकरी करने के लायक नहीं रहोगी। शिक्षिका को प्रभावित करने के लिए शिक्षिका का एक वर्ष पूर्ण नहीं होने पर भी उत्कृष्ट शिक्षक के लिए स्वयं अकेले ही चयन कर पुरस्कार प्रदान कराया था।
छात्रा का परीक्षा में नंबर बढ़ाने के नाम पर किया शोषण
सूत्रों के अनुसार पूर्व में भी आरोपी शिक्षक ने अपने ही शाला की छात्रा का परीक्षा में नंबर बढ़ाने के नाम पर शोषण किया। मामला बहुत ही जोर-शोर से उछला था परंतु राजनीतिक पहुंच और पैसों के दम पर मामले को रफा-दफा कर दिया गया था। शिक्षिकाओं से बिना उनकी मर्जी के कहीं से भी मोबाइल नम्बर प्राप्त कर व्हाट्सएप मैसेज करना, बात करना इस शिक्षक की पुरानी आदत रही है। संकुल समन्वयक रहते हुए संकुल का काम ठीक से नहीं करना, समय पर शालाओं को जानकारी प्रदान नहीं करना, जो काम अन्य संकुलों में पूर्ण हो जाता था जबकि इनके संकुल के शिक्षकों को जानकारी भी नहीं मिली रहती। खुद तो विलंब से जानकारी देना और तत्काल में जानकारी मंगाना, संकुल में अपनी मर्जी थोपना, मैं तय करूंगा कि कौन शिक्षक कहां रहेगा आदि कई प्रकार से लापरवाही पूर्वक और अहम वाले काम आरोपी शिक्षक करता रहा।