खाते से काट लिए 5400-5400 रुपए
इसके बाद प्रभावित किसानों ने प्रबंधक के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में प्रकरण दायर किया गया है। ताजा घटनाक्रम में शाखा प्रबंधक प्रसाद ने किसानों के केसीसी खाते से एक-एक हजार रुपए का आहरण फोटोकॉपी पर खर्च होने के नाम से किया गया, इसके बाद जुलाई में प्रभावित 20 किसानों से अधिक खातेदारों के खातों से 5400-5400 रुपए आहरण किया गया है।
इसके बाद प्रभावित किसानों ने प्रबंधक के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में प्रकरण दायर किया गया है। ताजा घटनाक्रम में शाखा प्रबंधक प्रसाद ने किसानों के केसीसी खाते से एक-एक हजार रुपए का आहरण फोटोकॉपी पर खर्च होने के नाम से किया गया, इसके बाद जुलाई में प्रभावित 20 किसानों से अधिक खातेदारों के खातों से 5400-5400 रुपए आहरण किया गया है।
जनदर्शन में शिकायत के बाद पता चला गलती
बताना होगा कि बीमा की राशि नहीं मिलने पर प्रभावित किसानों ने बेमतरा जिला मुख्यालय पहुंचकर कलक्टर जनदर्शन में शिकायत की थी। शिकायतकर्ता पवन कुमार सहित अन्य किसानों की शिकायत पर नायाब तहसीलदार नांदघाट व वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी से कलक्टर ने जांच कराई थी, जिसमें प्रबंधक को जिम्मेदार बताया गया है।
बताना होगा कि बीमा की राशि नहीं मिलने पर प्रभावित किसानों ने बेमतरा जिला मुख्यालय पहुंचकर कलक्टर जनदर्शन में शिकायत की थी। शिकायतकर्ता पवन कुमार सहित अन्य किसानों की शिकायत पर नायाब तहसीलदार नांदघाट व वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी से कलक्टर ने जांच कराई थी, जिसमें प्रबंधक को जिम्मेदार बताया गया है।
इन किसानों के खाते से काटी गई रकम
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, तिजऊ, केदारनाथ, फागुराम, सुंदरलाल, बलभद्र साहू, अशोक कुजराम, गीताबाई, खोर किजरा, विनोद सिंह, रामचरण, दुजेराम, नेमप्रसाद, सीताराम, पीलाराम सहित 20 बैंक खाताधारकों के खाते से वाद व्यय के नाम पर 5400-5400 रुपए की कटौती की गई है। इस तरह से कटौती की कुल राशि एक लाख रुपए से अधिक हो गई है।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, तिजऊ, केदारनाथ, फागुराम, सुंदरलाल, बलभद्र साहू, अशोक कुजराम, गीताबाई, खोर किजरा, विनोद सिंह, रामचरण, दुजेराम, नेमप्रसाद, सीताराम, पीलाराम सहित 20 बैंक खाताधारकों के खाते से वाद व्यय के नाम पर 5400-5400 रुपए की कटौती की गई है। इस तरह से कटौती की कुल राशि एक लाख रुपए से अधिक हो गई है।
फसल नुकसान के साथ कटौती की मार
पीडि़त किसानों के अनुसार, पहले ही फसल नुकसान से परेशान हैं, ऐसे में उनके खाते से रकम का आहरण कर दोहरा मार दी जा रही है। बीमा को लेकर किसानों को जहां नुकसान की खानापूर्ति की उम्मीद थी, पर अब उन्हें बीमा करने के बाद भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मामले में किसान फिर से जिला प्रशासन से शिकायत करने की तैयारी में हैं।
पीडि़त किसानों के अनुसार, पहले ही फसल नुकसान से परेशान हैं, ऐसे में उनके खाते से रकम का आहरण कर दोहरा मार दी जा रही है। बीमा को लेकर किसानों को जहां नुकसान की खानापूर्ति की उम्मीद थी, पर अब उन्हें बीमा करने के बाद भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मामले में किसान फिर से जिला प्रशासन से शिकायत करने की तैयारी में हैं।
प्रधान कार्यालय में की गई शिकायत
प्रभावित किसान अमर सिह, ईश्वर प्रसाद, विजय सिंह व अन्य ने मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय करते हुए बताया कि उनके खातों से प्रीमियम राशि की कटौती के बाद भी उन्हें बीमा क्लेम नहीं मिला है। मामले में सभी प्रभावित किसानों ने उपभोक्ता फोरम में प्रकरण दर्ज कराया है, जिस पर फैसला आना बाकी है। फैसला आने के पहले ही शाखा प्रबंधक कार्यालयीन आदेश का हवाला देते हुए प्रति खातेदार के खाते से 54 सौ रुपए का आहरण कर लिया है, जिसके पीछे वाद व्यय को कारण बताया जा रहा है।
प्रभावित किसान अमर सिह, ईश्वर प्रसाद, विजय सिंह व अन्य ने मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय करते हुए बताया कि उनके खातों से प्रीमियम राशि की कटौती के बाद भी उन्हें बीमा क्लेम नहीं मिला है। मामले में सभी प्रभावित किसानों ने उपभोक्ता फोरम में प्रकरण दर्ज कराया है, जिस पर फैसला आना बाकी है। फैसला आने के पहले ही शाखा प्रबंधक कार्यालयीन आदेश का हवाला देते हुए प्रति खातेदार के खाते से 54 सौ रुपए का आहरण कर लिया है, जिसके पीछे वाद व्यय को कारण बताया जा रहा है।
हम कहां से देते खर्च
इस संबंध में छग ग्रामीण बैंक संबलपुर के शाखा प्रबंधक एम प्रसाद ने कहा कि उपभोक्ता फोरम में किसानों ने वाद प्रस्तुत किया है, जिसके बाद फोटोकॉपी व अन्य खर्च आने पर वादकर्ताओं के खाते से खर्च का रकम दिया गया है। हमारे बैंक में इस तरह के खर्च के लिए बजट का प्रावधान नहीं है, साथ ही स्थिति को लेकर अपने अधिकारियों से राय मांगी गई थी, जिसके अनुसार सभी के खाते से रकम निकाला गया है।
इस संबंध में छग ग्रामीण बैंक संबलपुर के शाखा प्रबंधक एम प्रसाद ने कहा कि उपभोक्ता फोरम में किसानों ने वाद प्रस्तुत किया है, जिसके बाद फोटोकॉपी व अन्य खर्च आने पर वादकर्ताओं के खाते से खर्च का रकम दिया गया है। हमारे बैंक में इस तरह के खर्च के लिए बजट का प्रावधान नहीं है, साथ ही स्थिति को लेकर अपने अधिकारियों से राय मांगी गई थी, जिसके अनुसार सभी के खाते से रकम निकाला गया है।