देवमाली गांव में सिर्फ सरकारी भवन ही पक्के हैं
बताया जा रहा है कि देवमाली गांव के हर घर में सभी आधुनिक सुख सुविधाएं उपलब्ध हैं। बावजूद इसके मकान कच्चे हैं, जो मिट्टी व पत्थर से बने हुए हैं। कहा जाता है कि यह सब सिर्फ पौराणिक मान्यता व देवनारायण भगवान में आस्था की वजह से संभव है। देवमाली गांव में मात्र सरकारी भवन ही पक्के हैं। यह भी पढ़ें
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पूरे गांव में एक ही गोत्र के रहते हैं लोग
देवमाली गांव राजस्थान के ब्यावर जिले के मसूदा उपखंड से करीब 5 किमी दूर है। देवमाली गुर्जर बाहुल्य गांव है। इस गांव में गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण का प्राचीन मंदिर है। पूरे गांव में एक ही गोत्र के लोग रहते हैं। मान्यता है कि पूर्वज के वचनों की वजह से गांव में चार वस्तुओं पर प्रतिबंध है। इनमें सबसे पहले पक्का मकान फिर शराब, मांस का सेवन और केरोसिन का उपयोग प्रतिबंधित है। बिजली के जाने के बाद इस गांव में केरोसिन की जगह तिल्ली के तेल से दीपक जलाया जाता है। यह भी पढ़ें