शहर के मिशन ग्राउंड में सोमवार को आयोजित होने वाले जिला स्थापना समारोह में इसकी झलक देखने को मिलेगी। सात जिलों की सरहद से मिलने से यहां की सियासत भी खासी प्रभावी होगी। ब्यावर प्रदेश के मध्य में आबाद होने से हर क्षेत्र से आवाजाही आसान होगी। ऐसे में सियासत का आधार भी प्रभावशाली होगा। सोमवार को जिले के पायदान पर ब्यावर का पहला कदम होगा। ब्यावर जिले की सीमाएं जोधपुर, नागौर, पाली, अजमेर, केकड़ी , भीलवाड़ा एवं राजसमंद जिलों तक है। इसके अलावा ब्यावर जिले में ब्यावर, भीम-देवगढ, मसूदा, आसींद, जैतारण, सोजत विधानसभा के विधायकों का ब्यावर जिले से संबंध रहेगा। ब्यावर, मसूदा, जैतारण विधानसभा क्षेत्र ब्यावर जिले में रहेंगे। जबकि भीम-देवगढ़ की बार उपतहसील, आसींद की बदनोर तहसील, सोजत विधानसभा की 12 ग्राम पंचायतें ब्यावर जिले में शामिल हुई है।
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ऐसे में इन विधानसभा के विधायक भी ब्यावर जिले की बैठक में भागीदार बनेंगे। इसी प्रकार ब्यावर जिले में राजसमंद संसदीय क्षेत्र का ब्यावर, जैतारण व रायपुर शामिल हुआ है। अजमेर संसदीय क्षेत्र का मसूदा व बिजयनगर एवं पाली संसदीय क्षेत्र की सोजत विधानसभा की 12 ग्राम पंचायतें ब्यावर में शामिल हुई है। इसी प्रकार भीलवाडा संसदीय क्षेत्र की बदनोर तहसील ब्यावर में मिली है। ऐसे में बैठकों में राजसमंद, अजमेर, पाली व भीलवाड़ा के सांसदों की मौजूदगी रहेगी। ब्यावर के विकास का खाका तैयार करने में छह विधायक व चार सांसदों की भागीदारी बनेगी।
3 दिन बाद से शुरू होगा रिकार्ड स्थानान्तरण!
विधानसभा चुनाव नजदीक आ चुके है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पूर्व ही जिले का विधिवत संचालन शुरू करने की कवायद की जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि 10 अगस्त से ही जिले में शामिल हुए क्षेत्रों से नवसृजित जिले में रिकार्ड स्थानान्तरण की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इसको लेकर भी व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही है।