नगरीय सीमा के विस्तार हुए करीब 45 साल बीत चुके हैं। इन 45 साल में शहर का दायरा तेजी से बढ़ा। शहर में करीब एक हजार से अधिक कॉलोनियां विकसित हो गईं। इनमें साढे़ पांच सौ से अधिक तो स्वीकृत कॉलोनियां हैं। जबकि छह सौ से अधिक अस्वीकृत कॉलोनियां हैं। शहरी सीमा में शामिल होने वाली करीब 39 हजार की जनसंख्या में करीब 19 हजार 769 पुरुष, 18 हजार 943 महिलाएं, 6 हजार 500 अनुसूचित जाति, 119 जनजाति एवं 32 हजार 93 सामान्य वर्ग के लोग शामिल होंगे।
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नगरीय सीमा में यह गांव हो सकते हैं शामिल
नगरीय सीमा के विस्तार को लेकर नगर परिषद प्रशासन की ओर से प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं। इसमें ग्राम डूंगरखेडा, शंभूपुरा, शोभापुरा, मेडिया, ब्यावर खास, मकरेड़ा, रामपुरा मेवातियान, सरमालिया, दौलतपुरा बलाईयान, देलवाड़ा, शेषपुरा, गढ़ी थोरियान, बलाड़, कुशालपुरा, मालपुरा, नून्द्री मालदेव, केसरपुरा, भोजपुरा, गणेशपुरा, शिवनाथपुरा, गोविन्दपुरा, जालिया प्रथम, बाड़िया जग्गा, बाड़िया श्यामा, रामसर बलाईयान, ठीकराना मेन्द्रातान, सिरोला, रतनपुरा सरदारा, नून्द्री मेन्द्रातान को शहरी सीमा में शामिल किया जा सकता है।आमजन पर नहीं पड़ेगा प्रभाव, मिलेगी शहर की तरह सुविधाएं
नगरीय सीमा में गांवों के शामिल होने से आमजन पर रोजगार की दृष्टि से कोई असर नहीं आएगा। पहले मनरेगा का काम शहर में नहीं चलने से श्रमिक वर्ग से जुड़े लोगों के सामने यह परेशानी आती है। अब शहरी मनरेगा का काम शुरू हो चुका है। ऐसे में लोगों के काम मिलने पर कोई असर नहीं होगा। जबकि इन गांवों में शहरी सुविधाएं भी मिल सकेंगी। इससे नगरीय सीमा में मिलने वाले लोगों को बेहतर सफाई व्यवस्था मिलेगी। इसके अलावा रोशनी व्यवस्था बेहतर होगी। साथ ही विकास को भी गति मिलेगी। आने वाले कुछ सालों में जिला स्तरीय कार्यालय के नए भवन बनने से इन क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह भी पढ़ें