तीन लाख की मांगी थी रिश्वत
ब्यूरो के महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की स्पेशल यूनिट-अजमेर इकाई द्वारा थानाधिकारी एवं कांस्टेबल के परिचित व्यक्ति कैलाश गुर्जर को उनके लिए यह रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। मेहरड़ा ने बताया कि अजमेर इकाई को परिवादी ने शिकायत दी गई कि उसके भाई एवं भतीजे के विरूद्ध दर्ज एनडीपीएस के मुकदमे में गिरफ्तार करने पर मारपीट नहीं करने एवं जेसी कराने की एवज में उपनिरीक्षक नारायण सिंह खिड़िया एवं कांस्टेबल अशोक कुमार तीन लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।
1 लाख पर हुए थे सहमत
उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी एक लाख रुपए रिश्वत लेने पर सहमत हुए थे। इस एसीबी की अजमेर इकाई की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वंदना भाटी के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया। इसके बाद स्पेशल यूनिट अजमेर इकाई के उपाधीक्षक राकेश कुमार वर्मा की ओर से टीम के सोमवार देर रात बदनौर में कार्यवाही करते हुए आरोपी अशोक कुमार के कहने पर उसके परिचित कैलाश गुर्जर को परिवादी से 45 हजार रुपये (पांच हजार रुपये प्रचलित भारतीय मुद्रा एवं 40 हजार के डमी करेंसी नोट) रिश्वत के रूप में लेते पकड़ा।
आरोपियों की तलाश जारी
उन्होंने बताया कि मौके पर गहन जानकारी करने पर पता चला कि आरोपी के परिचित कैलाश गुर्जर की रिश्वत मांग में संलिप्तता नहीं थी तथा रिश्वत राशि के बारे में वह अनभिज्ञ था। ऐसे में मौके पर उसके कथन लेखबद्ध कर एवं पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी शिकायत के सत्त्यापन के दौरान भी परिवादी से 40 हजार रुपए रिश्वत के रूप में वसूल चुके थे। आरोपी नारायण सिंह खिड़िया एवं अशोक कुमार एसीबी कार्यवाही की भनक लगने पर मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश की जा रही हैं। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के सुपरवीजन में आरोपी की तलाश एवं कार्यवाही जारी है।