लगा दिए जागरुकता बोर्ड, पर खुद नहीं पहनते हेलमेट : राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह और यातायात नियमों की पालना के शहर में कई जगह बड़े-बड़े साइन बोर्ड तो लगा दिए। लेकिन दिन भर मुख्य मार्गों पर ट्रेफिक पुलिसकर्मी खुद बिना हेलमेट वाहन चलाते दिखाई देना आम बात है। परिवहन विभाग को तो मानो इससे कोई सरोकार ही ना हो।
आए दिन जाम में फंसता शव यात्रा वाहन : बेतरतीब यातायात व्यवस्था और सड़कों पर बनी अवैध पार्र्किंग के कारण मुख्य मार्गों पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। मुक्तिधाम जाने वाले शव यात्रा वाहन कई जाम में फंस जाता है। लेकिन ट्रेफिक पुलिस देखने के बावजूद रास्ता नहीं खुलवाती और न ही वाहन चालक जागरुक होकर इस वाहन को रास्ता देते। ऐसे में सभी को जागरुक रह कर ऐसे वाहन या फिर एम्बुलेंस और अग्निशमन वाहनों को रास्ता देने की पहल शुरू करनी चाहिए।
चौराहे और तिराहों पर लगे ट्रेफिक लाइटें : जब बात करे ट्रेफिक सुधार की तो किशनगढ़ शहर से ब्यावर वासियों को भी सीख लेने की जरुरत है। आबादी और क्षेत्रफल की दृष्टि से ब्यावर से छोटा शहर होने के बावजूद किशनगढ़ में ट्रेफिक लाइटों से यातायात संचालित होता है। लेकिन ब्यावर में फिलहाल इस पर किसी प्रकार की चर्चा तक शुरू नहीं हुई। ऐसे में अब जल्द ही भगत चौराहा, चांग गेट, बांके बिहारी मंदिर तिराहा, ज्योतिबा फूले सर्किल या फिर अन्य जगह ट्रेफिक लाइटें लगाई जाने की जरुरत है।