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विकसित होने से पहले ही अनदेखी की भेंट चढ़ रहा है वन उद्यान वन उद्यान

वन उद्यान : चारदिवारी निर्माण के लिए भी बजट की दरकार, सुरक्षा के अभाव में आग में झुलसे आठ सौ पौधे 50 हैक्टयर में किया जा रहा विकसित 8000 मीटर चारदीवारी, 500 मीटर में ही पक्का निर्माण 5000 मीटर चारदीवारी के लिए निर्माण की स्वीकृति मिली

ब्यावरJan 25, 2020 / 06:34 pm

Bhagwat

विकसित होने से पहले ही अनदेखी की भेंट चढ़ रहा है वन उद्यान वन उद्यान

विकसित होने से पहले ही अनदेखी की भेंट चढ़ रहा है वन उद्यान वन उद्यान

ब्यावर. देलवाड़ा रोड पर पचास हैक्टेयर में वन उद्यान के विकसित होने से पहले अनदेखी की भेंट चढ़ रहा है। करीब दो साल से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद न तो चारदिवारी का निर्माण हो सका है एवं न ही पाव वे का निर्माण हो सका है। वन उद्यान के विकसित होने से पहले ही बदहाल होने लगा है। इस उद्यान में उगी जंगली घास के कारण पौधे पनप नहीं पा रहे है। अब तक लगाए गए पौधों की भी समय पर संभाल नहीं होने से पनप नहीं रहे है। सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं दिए जाने से हाल ही में लगी आग से करीब आठ सौ पौधे झुलस गए। वन उद्यान में लगाए गए साढ़ बारह हजार पौधों की सुरक्षा तारबंदी के भरोसे है। वन उद्यान के चारों ओर आठ हजार मीटर चारदीवारी की जरूरत है लेकिन अब तक केवल पांच सौ मीटर चारदीवारी निर्माण हो पाया है। शेष क्षेत्र में फिलहाल पौधों की सुरक्षा के लिए तारबंदी कर रखी है। देलवाड़ा रोड पर करीब पचास हेक्टर में वन उद्यान विकसित किया जा रहा है। इस उद्यान में करीब साढे बारह हजार पौधे लगाए जा चुके है। इन पौधों की सुरक्षा के लिए फिलहाल तारबंदी की है। इसकी चारदीवारी की जानी थी लेकिन करीब ग्यारह लाख रुपए का ही बजट मिलने से पांच सौ मीटर चारदीवारी निर्माण का काम ही शुरु हो सका। जबकि आठ हजार मीटर की चारदीवारी का निर्माण किया जाना है। गौरतलब है कि शहर में एक ही बगीचा है। वन उद्यान के विकसित किए जाने से शहरवासियों को घूमने के लिए एक और बगीचा मिल जाएगा।
सुरक्षा के नहीं पुख्ता बंदोबस्त
देलवाड़ा रोड पर बन रहे वन उद्यान में करीब साढे बारह हजार पौधे लगाए गए है। इनमें नीम, पीपल, अर्जुन व बिल्व पत्र सहित अन्य पौधे शामिल है। इन पौधें की देखभाल व सुरक्षा के लिए वन उद्यान के चारों ओर तारबंदी की गई है। सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं है। यहीं कारण है कि हाल ही में इसमें आग लग गई। यह तो गनीमत रही कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। अन्यथा पौधों को भारी नुकसान हो सकता था।
बजट की समस्या
देलवाड़ा रोड पर विकसित किए जा रहे बगीचे का काम विभिन्न चरणों में पूरा करने की योजना है। पहले चरण में तारबंदी व पौधे लगाने का काम किया गया। दूसरे चरण में पांच सौ मीटर चारदिवारी निर्माण हुआ। इसके बाद शेष बची चारदीवारी व सुबह घूमने वालों के लिए पाथ वे का निर्माण किया जाना है। दूसरे चरण का काम शुरु होने से पहले ही पूर्व में किए गए काम में ही बजट की दरकार हो गई। काम करने का यहीं सिलसिला चलता रहा तो वन उद्यान के विकसित होने सपना सालों तक साकार नहीं हो सकेगा।
कुमठियां की महक भी होने लगी कम
देलवाड़ा रोड पर विकसित किए जा रहे वन उद्यान में कुमठियां के बड़ी संख्या में पेड़ है। जो पहले से ही लगे हुए है। नए पेड़ और लगाए गए है। ऐसे में यहां घूमने आने वालों को स्वच्छ हवा व वातावरण मिल सकेगा। अनदेख्ी के चलते कुमठियों के पेड़ भी कम होते जा रहे है। जबकि नए पौधे विकसित किए जाने की गति धीमी है।

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